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दे दो अपनी पुजारन को वरदान माँ(Dedo Apni Pujarin Ko Vardan Maa)

दे दो अपनी पुजारन को वरदान माँ(Dedo Apni Pujarin Ko Vardan Maa)

दे दो अपनी पुजारन को वरदान माँ,

मैया जब तक जियु मैं सुहागन जियु,

मुझसे हो न जुदा मेरा भगवान माँ,

मैया जब तक जियु मैं सुहागन जियु ॥


मैं दिन रात तुमसे यही मांगती,

साया सिर पे रहे मेरे सरताज का,

और इस के सिवा कुछ नहीं मांगती,

बस यही इक दिल में है अरमान माँ ।

दे दो अपनी पुजारन को वरदान माँ ॥


कोई मंदिर सजे न बिना मूर्ति ,

बिन खवैया के नैया है किस काम की,

इस बगियाँ का माली सलामत रहे,

माला जपती रहूँ मैं तेरे नाम की ।

दे दो अपनी पुजारन को वरदान माँ ॥


मेरे जीवन का मालिक है जो देवता,

उम्र मेरी भी उस को लगा देना माँ,

उनकी सांसो में सांसे ये घुलती रहे,

दिल से मुझको यही बस दुआ देना माँ,

तेरा होगा बड़ा ही एहसान माँ ।

दे दो अपनी पुजारन को वरदान माँ ॥


दे दो अपनी पुजारन को वरदान माँ,

मैया जब तक जियु मैं सुहागन जियु ,

मुझसे हो न जुदा मेरा भगवान माँ,

मैया जब तक जियु मैं सुहागन जियु ॥

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मई 2025 व्रत-त्योहार

मई के महीने में प्रकृति अपने चरम पर होती है। पेड़-पौधों पर नए पत्ते आते हैं, फूल खिलते हैं और हर तरफ हरियाली दिखाई देती है। यह समय प्रकृति की सुंदरता को निहारने और उसकी सुंदरता का आनंद लेने का है।

चंद्र दर्शन का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

हर महीने अमावस्या के बाद जब पहली बार रात को आसमान में चंद्रमा दिखाई देता है, तो उस पल को चंद्र दर्शन कहा जाता है।

चंद्र दर्शन पूजा विधि

ज्योतिष शास्त्रों में चंद्रमा को शांति, सौम्यता, मानसिक संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, चंद्र देव की पूजा भक्तों के जीवन में शांति, समृद्धि और सौभाग्य लाता है।

वैशाख मास की अमावस्या पर क्या न करें

भारतीय संस्कृति में अमावस्या तिथि का हमेशा से विशेष महत्व रहा है। खासकर वैशाख मास की अमावस्या, जिसे 'वैशाख अमावस्या' कहा जाता है। यह तिथि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ मानी जाती है।

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