डमरू बजाए अंग भस्मी रमाए (Damru Bajaye Ang Bhasmi Ramaye)

डमरू बजाए अंग भस्मी रमाए,

और ध्यान लगाए किसका,

ना जाने वो डमरू वाला,

ना जाने वो डमरू वाला,

सब देवो में सब देवों में,

है वो देव निराला,

डमरू बजाए अंग भस्मी रमाये,

और ध्यान लगाए किसका ॥


मस्तक पे चंदा,

जिसकी जटा में है गंगा,

रहती पार्वती संग में,

सवारी है बूढ़ा नंदा,

है नंदा,

वो कैलाशी है अविनाशी,

पहने सर्पो की माला,

डमरू बजाए अंग भस्मी रमाये,

और ध्यान लगाए किसका ॥


बाघम्बर धारी,

वो है भोला त्रिपुरारी,

रहता है वो मस्त सदा,

जिसकी महिमा है भारी,

है न्यारी,

वो शिव शंकर है प्रलयंकर,

रहता सदा मतवाला,

डमरू बजाए अंग भस्मी रमाये,

और ध्यान लगाए किसका ॥


सारे मिल गायें,

शिव शम्भू को ध्याये,

जो भी मांगे सो पाए,

दर से खाली ना जाए,

जो आए,

बड़ा है दानी बड़ा ही ज्ञानी,

सारे जग का रखवाला,

डमरू बजाए अंग भस्मी रमाये,

और ध्यान लगाए किसका ॥


डमरू बजाए अंग भस्मी रमाए,

और ध्यान लगाए किसका,

ना जाने वो डमरू वाला,

ना जाने वो डमरू वाला,

सब देवो में सब देवों में,

है वो देव निराला,

डमरू बजाए अंग भस्मी रमाये,

और ध्यान लगाए किसका ॥

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बड़े बलशाली है, बाबा बजरंग बली(Bade Balshali Hai Baba Bajrangbali)

जड़ से पहाड़ों को,
डाले उखाड़,

ध्यानु की तरह अम्बे, मेरा नाम अमर कर दो (Dhyanu Ki Tarah Ambe Mera Naam Amar Kardo)

ध्यानु की तरह अम्बे,
मेरा नाम अमर कर दो,

आयी बरसाने वाली है आयी (Aayi Barsane Wali Hai Aayi)

आयी बरसाने वाली है आयी,
रास रचते है कृष्ण कन्हाई ॥

ऋण-मोचक मंगल-स्तोत्रं (Rin Mochak Mangal Stotram)

मंगलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रद:। स्थिरासनो महाकाय: सर्व-कर्मावरोधकः॥1॥

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