दादी चरणों में तेरे पड़ी, मैया (Dadi Charno Mein Tere Padi Maiya)

दादी चरणों में तेरे पड़ी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी,

हाथ किरपा का रख दे जरा,

हाथ किरपा का रख दे जरा,

लागि नैनो में असुवन झड़ी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी,

दादी चरणो में तेरे पड़ी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी ॥


मैं तो दुखडो से हारी हूँ माँ,

थोड़ी मुझ पे इनायत भी हो,

तेरे चरणों में मैं रह सकूँ,

मुझको इतनी इजाजत माँ हो,

तेरी दरकार मुझको बड़ी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी,

दादी चरणो में तेरे पड़ी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी ॥


धुप में मैं ग़मों की जली,

दे दे आँचल की छैया मुझे,

घाव दिल पे हजारो लगे,

दादी कैसे दिखाऊं तुझे,

मेरी अँखियों में पीड़ा भरी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी,

दादी चरणो में तेरे पड़ी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी ॥


‘हर्ष’ तेरे सिवा मैंने तो,

माँ किसी को पुकारा नहीं,

तेरी ‘स्वाति’ अगर रोए तो,

मैया तुझको गवारा नहीं,

तेरी चौखट पे नजरे गड़ी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी,

दादी चरणो में तेरे पड़ी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी ॥


दादी चरणों में तेरे पड़ी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी,

हाथ किरपा का रख दे जरा,

हाथ किरपा का रख दे जरा,

लागि नैनो में असुवन झड़ी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी,

दादी चरणो में तेरे पड़ी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी ॥

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अंजनी के लाला, एक बार मिला दे मोहे राम से: भजन (Anjani Ke Lala Ek Baar Mila De Mohe Ram Se)

अंजनी के लाला,
एक बार मिला दे मोहे राम से ॥

मार्गशीर्ष शुक्ल की मोक्षदा एकादशी (Margshersh Sukal Ki Mouchda Ekadashi) )

इतनी कथा सुन महाराज युधिष्ठिर बोले- हे दशी जनार्दन आपको नमस्कार है। हे देवेश ! मनुष्यों के कल्याण के लिए मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी का नाम एवं माहात्म्य वर्णन कर यह बतलाइये कि उसकीएकादशी माहात्म्य-भाषा विधि क्या है?

माँ शारदे वंदना, हे शारदे माँ (Bhajan Maa Sharade Vandana)

हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तार दे माँ ।

आखिर यमुना में ही क्यों छुपा था कालिया नाग

भक्त वत्सल की जन्माष्टमी स्पेशल सीरीज के एक लेख में हमने आपको बताया था कि कैसे भगवान श्रीकृष्ण ने यमुना में कूदकर कालिया नाग से युद्ध किया था। क्योंकि उसके विष से यमुना जहरीली हो रही थी।

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