चले पवन की चाल, मेरा बजरंगबली (Chale Pawan Ki Chaal Mera Bajrangbali)

लाल लंगोटा हाथ में सोटा,

चले पवन की चाल,

मेरा बजरंगबली ॥


माँ अंजनी का प्यारा है,

राम भगत मतवाला है,

राम भजन में मस्त रहे,

भक्तो का रखवाला है

भूत प्रेत को मार भगावे,

दुष्टो का है काल,

मेरा बजरंगबली ॥


जब जब राम ने हुकुम दिया,

पल में पूरा काम किया,

राम सहारा लेकर के,

पूरा पर्वत उठा दिया,

राम सुमीर कर गढ़ लंका में,

धरा रूप विकराल,

मेरा बजरंगबली ॥


राम तेरे मन वचन में है,

राम तेरे दर्शन में है,

रोम रोम में राम तेरे,

राम तेरे सुमिरन में है,

दर्श करा दे श्रीराम का,

हे अंजनी के लाल,

मेरा बजरंगबली ॥


मंगल और शनिवार के दिन,

तेरी पूजा भारी है,

सालासर मेहंदीपुर में,

तेरी महिमा न्यारी है,

ये ‘लख्खा’ अब तुझे मनाए,

काट मेरे जंजाल,

मेरा बजरंगबली ॥


लाल लंगोटा हाथ में सोटा,

चले पवन की चाल,

मेरा बजरंगबली ॥


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भाद्रपद शुक्ल की वामन एकादशी (Bhadrapad Shukal Ke Vaman Ekadashi )

इतनी कथा सुनकर पाण्डुनन्दन ने कहा- भगवन्! अब आप कृपा कर मुझे भाद्र शुक्ल एकादशी के माहात्म्य की कथा सुनाइये और यह भी बतलाइये कि इस एकादशी का देवता कौन है और इसकी पूजा की क्या विधि है?

जपूं नारायणी तेरो नाम (Japu Narayani Tero Naam)

जपूँ नारायणी तेरो नाम,
राणीसती माँ झुँझनवाली,

जो शिव नाम होठों पे चढ़ गयो रे (Jo Shiv Naam Hothon Pe Chadh Gayo Re)

जो शिव नाम होठों पे चढ़ गयो रे,
तो समझो ये जीवन संवर गयो रे ॥

अन्नपूर्णा जयंती कब है

माता अन्नपूर्णा को हिंदू धर्म में अन्न और धन की देवी के रूप में स्थान प्राप्त है। माना जाता है कि मां अन्नपूर्णा के कृपा से ही पृथ्वी लोक के सभी जीवों को खाने के लिए भोजन या अन्न प्राप्त होता है।

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