चल चला चल ओ भगता (Chal Chala Chal O Bhagta)

चल चला चल ओ भगता,

चल चला चल ॥


श्लोक – छू ले जो माँ की,

चौखट को तो,

जर्रा भी सितारा हो जाए,

जहाँ जिक्र हो माँ का मंगल हो,

जन्नत का नजारा हो जाए,

मैया के दर पे, हर शक्ति,

आकर के शीश झुकाती है,

सारी दुनिया माँ के दर पे,

कष्टों से मुक्ति पाती है ॥


रखके मन में विश्वास,

नाम मैया का ले ले,

तेरे काम आएगा,

टूटे ना आस,

चल चला चल ओ भगता,

चल चला चल ॥


युग युग से माँ शेरावाली,

तार रही है दुनिया को,

जाओ अपनी बिगड़ी बना लो,

सवार रही है दुनिया को,

माँ का बन जा तू दास,

माँ का बन जा तू दास,

नाम मैया का ले ले,

तेरे काम आएगा,

टूटे ना आस,

चल चला चल औ भगता,

चल चला चल ॥


तन मन कर दे माँ को अर्पण,

मेल दिलो के धोती माँ,

भर देती है घर खुशियो से,

जिसपे खुश होती है माँ,

रहने दे ना उदास,

रहने दे ना उदास,

नाम मैया का ले ले,

तेरे काम आएगा,

टूटे ना आस,

चल चला चल औ भगता,

चल चला चल ॥


जिसके घर में सच्चें मन से,

माँ का पूजन होता है,

वो घर घर ना समझो भैया,

वो एक मंदिर होता है,

रहता एक दम उल्लास,

रहता एक दम उल्लास,

नाम मैया का ले ले,

तेरे काम आएगा,

टूटे ना आस,

चल चला चल औ भगता,

चल चला चल ॥


जय माता की कहता चल ‘लख्खा’,

खुल जाए किस्मत तेरी भी,

जैसे सुनती भक्तो की,

वैसी सुनेगी तेरी भी,

फिर तू ना हो निराश,

फिर तू ना हो निराश,

नाम मैया का ले ले,

तेरे काम आएगा,

टूटे ना आस,

चल चला चल औ भगता,

चल चला चल ॥


रखके मन में विश्वास,

नाम मैया का ले ले,

तेरे काम आएगा,

टूटे ना आस,

चल चला चल ओ भगता,

चल चला चल ॥

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मां पार्वती चालीसा (Maa Parvati Chalisa)

जय गिरी तनये दक्षजे शम्भू प्रिये गुणखानि,
गणपति जननी पार्वती, अम्बे, शक्ति, भवानि ।

चलो मन गंगा जमुना तीर (Chalo Man Ganga Yamuna Teer)

चलो मन गंगा जमुना तीर,
चलो मन गंगा जमुना तीर,

दर्श करा दे मेरे सांवरे, म्हारे नैना हुए बावरे (Darsh Kara De Mere Sanware Mhare Naina Huye Baware)

दर्श करा दे मेरे सांवरे,
म्हारे नैना हुए बावरे,

मां नर्मदा की पूजा-विधि

प्रतिवर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को नर्मदा जयंती मनाने का विधान है। इस दिन मां नर्मदा की विशेष रूप से यह जयंती मनाई जाती है।

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