Logo

बोलो जय जयकारे (Bolo Jay Jaikare)

बोलो जय जयकारे (Bolo Jay Jaikare)
ऊँचे ऊँचे भवनों बैठी रुप अनेकों धारे,
चरण चाकरी कर लो भैया,
हो जाए वारे न्यारे,
बोलो जय जयकारे,
माँ के बोलो जय जयकारे ॥

शेर पर मैया चढ़ी चढ़ी,
ज्योति सवाई बड़ी बड़ी,
आने वाली है मेरी,
माई आने वाली है,
लाल चुनरिया जड़ी जड़ी,
देखी दुनिया खड़ी खड़ी,
शेरोवाली मैहरोवाली,
माई लाटावाली है,
कलकत्ते काली,
जोतावाली माता ज्वाला,
जम्मू में माता वैष्णो वाली है,
विंध्यवासिनी विंध्याचल की,
गुवाहाटी कामाख्या,
मनसा माता नैना देवी,
शैलसुता माँ साख्या,
बोलो जय जयकारे,
माँ के बोलो जय जयकारे ॥

दयालु बड़ी माँ दयालु बड़ी,
माता करुणामयी कंजका माँ,
सबकी झोली भरे सारे संकट हरे,
माई जगदम्बिके अंबिके माँ,
‘लहरी’ न जाने क्या बखाने,
यही माने मनसा माँ,
मंशा पुरने वाली है,
जिस घर होवे पूजा माँ की,
खुशियां खुशियां बरसे,
आज तलक खाली ना लौटा,
कोई माँ के दर से,
बोलो जय जयकारे,
माँ के बोलो जय जयकारे ॥

ऊँचे ऊँचे भवनों बैठी रुप अनेकों धारे,
चरण चाकरी कर लो भैया,
हो जाए वारे न्यारे,
बोलो जय जयकारे,
माँ के बोलो जय जयकारे ॥
........................................................................................................
ब्रह्मा जी की पूजा विधि

ब्रह्मा जी, जिन्हें सृष्टि के रचयिता के रूप में जाना जाता है, के कई मंदिर होने के बावजूद उनका सबसे प्रसिद्ध मंदिर राजस्थान के पुष्कर में स्थित है।

विष्णु जी की पूजा विधि

सनातन धर्म में सप्ताह के हर दिन को किसी न किसी देवता को समर्पित माना गया है। गुरुवार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का दिन है।

मंत्र क्या होते हैं

शास्त्रकार कहते हैं “मननात् त्रायते इति मंत्रः” अर्थात मनन करने पर जो त्राण दे या रक्षा करे वही मंत्र होता है। धर्म, कर्म और मोक्ष की प्राप्ति हेतु प्रेरणा देने वाली शक्ति को मंत्र कहते हैं।

मंत्र के प्रकार

मंत्रों के कई प्रकार होते हैं, जरूरत के हिसाब से इन मंत्रों का उपयोग किया जाता है। मंत्रों के प्रकार और उनके उपयोग से होने लाभों पर नज़र डालें तो आप पाएंगे ये विभिन्न रूपों में हैं।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang