भोले तेरी माया अजब निराली है,
अजब निराली है,
हे शिव शम्भू भोले शंकर,
नाम जपूँ नित तेरा बन कर,
भोलें तेरी माया अजब निराली है,
अजब निराली है ॥
भोले तेरे दर पे,
आस लेके आया हूँ,
किस्मतों का मारा मैं,
विश्वास लेके आया हूँ,
किस्मतो की डोर अब,
तेरे ही सहारे है,
अंधरे भी ओझल तेरे,
नाम से उजाले है,
भोलें तेरी माया अजब निराली है,
अजब निराली है ॥
तू ही है धरम मेरा,
तू ही है करम मेरा,
तू ही है किनारा ,
तू ही है सहारा,
तू ही है हमारा देव,
तेरे ही जाप से कटते पाप मेरे,
तू ही है किनारा,
तू ही है सहारा,
तू ही है हमारा देव ॥
भोले तेरे नाम से,
मेरी ये कहानी है,
तेरी ही कृपा से रोशन,
मेरी ज़िंदगानी है,
तेरी ही कृपा से रोशन,
मेरा ये जहाँ है,
तेरी ही कृपा ना हो तो,
मैं कुछ कहाँ हूँ,
भोलें तेरी माया अजब निराली है,
अजब निराली है ॥
भोले तेरी माया अजब निराली है,
अजब निराली है,
हे शिव शम्भू भोले शंकर,
नाम जपूँ नित तेरा बन कर,
भोलें तेरी माया अजब निराली है,
अजब निराली है ॥
हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह की अमावस्या का विशेष महत्व है और जब यह तिथि सोमवार को आती है, तो इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह दिन पितरों को स्मरण करने और उन्हें तर्पण देने का सबसे श्रेष्ठ अवसर होता है।
हिंदू पंचांग में हर अमावस्या तिथि का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। यह दिन पितृों की शांति के लिए, आत्मिक शुद्धि के लिए और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत उत्तम माना गया है।
हिंदू पंचांग के अनुसार साल में कुल 12 अमावस्या तिथियां आती हैं, जिनमें हर एक का अपना अलग धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। लेकिन ज्येष्ठ माह में आने वाली अमावस्या को खास माना गया हैI
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। लेकिन ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली अमावस्या सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल ज्येष्ठ अमावस्या 27 मई को मनाई जाएगी।