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भोले की किरपा से हमरे, ठाठ निराले है (Bhole Ki Kripa Se Hamare Thaat Nirale Hai)

भोले की किरपा से हमरे, ठाठ निराले है (Bhole Ki Kripa Se Hamare Thaat Nirale Hai)

भोले की किरपा से हमरे,

ठाठ निराले है,

हम बाबा वाले है,

सुनो जी हम बाबा वाले है ॥


भजनों को तेरे गा कर,

मैं तो मस्ती में रहता,

रस्ते में जो भी मिलता,

हर हर बम बम ही कहता,

कदम कदम पर बन जाते,

भोले रखवाले है,

हम बाबा वाले है,

सुनो जी हम बाबा वाले है ॥


भोले ने जो भी दिया है,

उसे व्यर्थ ना यूँ ही गंवाओ,

भोले की भक्ति करके,

थोड़ा सा कर्ज चुकाओ,

‘श्याम’ का सारा जीवन,

भोले तेरे हवाले है,

हम बाबा वाले है,

सुनो जी हम बाबा वाले है ॥


भोले की किरपा से हमरे,

ठाठ निराले है,

हम बाबा वाले है,

सुनो जी हम बाबा वाले है ॥


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कितने साल तक रखना चाहिए एकादशी और प्रदोष व्रत

हिन्दू धर्म में एकादशी और प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। ये व्रत धार्मिक श्रद्धा, मानसिक शांति और आध्यात्मिक लाभ के लिए किए जाते हैं।

दिसंबर माह के प्रदोष व्रत

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। यह व्रत हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। भगवान शिव की साधना करने वाले साधक को पृथ्वी लोक के सभी सुख प्राप्त होते हैं और मृत्यु उपरांत उच्च लोक में स्थान मिलता है।

प्रदोष व्रत पर बन रहा अद्भुत योग

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। 13 दिसंबर 2024 को मार्गशीर्ष मास का अंतिम प्रदोष व्रत रखा जाएगा।

क्या कुंवारी लड़कियां भी कर सकती हैं प्रदोष व्रत

प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है जो भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। यह व्रत जीवन में सुख-समृद्धि, मनोकामना पूर्ति और कष्टों के निवारण का प्रतीक है। कुंवारी लड़कियों के लिए यह व्रत विशेष रूप से लाभकारी माना है।

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