Logo

भवसागर तारण कारण हे (Bhava Sagara Tarana Karana He)

भवसागर तारण कारण हे (Bhava Sagara Tarana Karana He)

भवसागर तारण कारण हे ।

रविनन्दन बन्धन खण्डन हे ॥

शरणागत किंकर भीत मने ।

गुरुदेव दया करो दीनजने ॥१॥


हृदिकन्दर तामस भास्कर हे ।

तुमि विष्णु प्रजापति शंकर हे ॥

परब्रह्म परात्पर वेद भणे ।

गुरुदेव दया करो दीनजने ॥२॥


मनवारण शासन अंकुश हे ।

नरत्राण तरे हरि चाक्षुष हे ॥

गुणगान परायण देवगणे ।

गुरुदेव दया करो दीनजने ॥३॥


कुलकुण्डलिनी घुम भंजक हे ।

हृदिग्रन्थि विदारण कारक हे ॥

मम मानस चंचल रात्रदिने ।

गुरुदेव दया करो दीनजने ॥४॥


रिपुसूदन मंगलनायक हे ।

सुखशान्ति वराभय दायक हे ।

त्रयताप हरे तव नाम गुणे

गुरुदेव दया करो दीनजने ॥५॥


अभिमान प्रभाव विमर्दक हे ।

गतिहीन जने तुमि रक्षक हे ॥

चित शंकित वंचित भक्तिधने ।

गुरुदेव दया करो दीनजने ॥६॥


तव नाम सदा शुभसाधक हे ।

पतिताधम मानव पावक हे ॥

महिमा तव गोचर शुद्ध मने ।

गुरुदेव दया करो दीनजने ॥७॥


जय सद्गुरु ईश्वर प्रापक हे ।

भवरोग विकार विनाशक हे ॥

मन जेन रहे तव श्रीचरणे ।

गुरुदेव दया करो दीनजने ॥८॥

........................................................................................................
हे जग स्वामी, अंतर्यामी, तेरे सन्मुख आता हूँ (He Jag Swami Anataryami, Tere Sanmukh Aata Hoon)

हे जग स्वामी, अंतर्यामी,
तेरे सन्मुख आता हूँ ।

हे जग त्राता विश्व विधाता(He Jag Trata Vishwa Vidhata)

हे जग त्राता विश्व विधाता,
हे सुख शांति निकेतन हे।

हे माँ मुझको ऐसा घर दे(He Maa Mujhko Aisa Ghar De)

हे माँ मुझको ऐसा घर दे, जिसमे तुम्हारा मंदिर हो,
ज्योत जगे दिन रैन तुम्हारी, तुम मंदिर के अन्दर हो।

गौरा जी को भोले का, योगी रूप सुहाया है(Goura Ji Ko Bhole Ka Yogi Roop Suhaya Hai)

गौरा जी को भोले का,
योगी रूप सुहाया है,

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang