भारत माता तेरा आँचल (Bharat Mata Tera Aanchal)

भारत माता तेरा आँचल,

हरा-भरा धानी-धानी ।

मीठा-मीठा चम्-चम करता,

तेरी नदियों का पानी ।


हरी हो गयी बंजर धरती,

नाचे झरनो में बिजली ।

सोना-चांदी उगल रही है,

तेरी नदियों का पानी ।


भारत माता तेरा आँचल,

हरा-भरा धानी-धानी ।

मीठा-मीठा चम्-चम करता,

तेरी नदियों का पानी ।


मस्त हवा जब लहराती है,

दूर-दूर तक पहुंचाती है ।

तेरे ऊँचे-ऊँचे पर्वत,

निडर बहादुर सेनानी ।


भारत माता तेरा आँचल,

हरा-भरा धानी-धानी ।

मीठा-मीठा चम्-चम करता,

तेरी नदियों का पानी ।

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माघ शुक्ल की जया नाम की एकादशी (Magh Shukal Ki Jya Naam Ki Ekadashi)

पाण्डुनन्दन भगवान् कृष्ण से हाथ जोड़ कर नम्रता पूर्वक बोले हे नाथ ! अब आप कृपा कर मुझसे माघ शुक्ल एकादशी का वर्णन कीजिए उस व्रत को करने से क्या पुण्य फल होता है।

बड़ी देर भई नंदलाला (Badi Der Bhai Nandlala)

बड़ी देर भई नंदलाला,
तेरी राह तके बृजबाला ।

छठ पूजा: कांच ही बांस के बहंगिया (Chhath Puja: Kanch Hi Bans Ke Bahangiya)

कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाय

विश्वेश्वर व्रत कथा

सनातन धर्म में प्राचीन काल से ही विश्वेश्वर व्रत भगवान शिव को समर्पित एक अत्यंत पवित्र व्रत है। इस व्रत को शिव जी की कृपा प्राप्त करने के उद्देश्य से रखा जाता है।

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