भजमन शंकर भोलेनाथ - भजन (Bhajman Shankar Bholenath)

भजमन शंकर भोलेनाथ,

डमरू मधुर बजाने वाले,

डमरू मधुर बजाने वाले,

डमरू मधुर बजाने वाले,

भजमन शंकर भोलेंनाथ,

डमरू मधुर बजाने वाले ॥


मुक्ति हेतु बसाई काशी,

जहां रहे भोले अविनाशी,

विजया भोग लगाने वाले,

भजमन शंकर भोलेंनाथ,

डमरू मधुर बजाने वाले ॥


कर त्रिशूल पहिरे मृगछाला,

भोला ऐसा दीनदयाला,

बिगड़े काम बनाने वाले,

भजमन शंकर भोलेंनाथ,

डमरू मधुर बजाने वाले ॥


सकल मनोरथ पूरण कारी,

गिरजापति कैलाश बिहारी,

प्रभु महादेव कहाने वाले,

भजमन शंकर भोलेंनाथ,

डमरू मधुर बजाने वाले ॥


जो नित गान प्रभु का गावे,

सब सुख भोग परम पद पावे,

आवागमन छुड़ाने वाले,

भजमन शंकर भोलेंनाथ,

डमरू मधुर बजाने वाले ॥


भजमन शंकर भोलेनाथ,

डमरू मधुर बजाने वाले,

डमरू मधुर बजाने वाले,

डमरू मधुर बजाने वाले,

भजमन शंकर भोलेंनाथ,

डमरू मधुर बजाने वाले ॥


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काशी में कैलाशी (Kaashi Mein Kailashi)

बम भोले बम भोले
कैलाश का वासी, बम भोले

गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa)

गुड़ी पड़वा हिंदू धर्म में एक विशेष स्थान रखता है। ऐसा माना जाता है कि गुड़ी को घर पर फहराने से घर से नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं और जीवन में सौभाग्य और समृद्धि आती है।

चल चला चल ओ भगता (Chal Chala Chal O Bhagta)

चल चला चल ओ भगता,
चल चला चल ॥

अम्बे रानी तेरो झूलना रे (Ambe Rani Tero Jhulna Re)

झूला झुलाये रहे वाह रे लंगूरवा।
झूला झुलाये रहे वाह रे लंगूरवा।

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