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भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
किरपा नाथ बेशक मिलेंगे किसी दिन,
जो सतसंग से पथ से गुजरते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
ना होगा कभी कष्ट मन को तुम्हारें,
जो अपनी बड़ाई से डरते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
चडो गे हिरदये में सभी के सदा तुम,
जो अभिमान गिर से उतर ते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
छलक ही पड़ेगा दया सिन्दू काबिल,
जो दगी बिंदु से रोज भरते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।
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