किरपा मिलेगी श्री राम जी की,
भक्ति करो, भक्ति करो,
दया मिलिगी हनुमान जी की,
राम जपो, राम जपो,
दुष्ट दलन हनुमान है,
हनुमान मेरे,
जय हनुमान, जय हनुमान
पतित पावन राम है,
श्री राम मेरे,
जय सिया राम, जय सिया राम
मूरत रख श्री राम की,
मन ध्यान धरो,
ध्यान धरो, ध्यान धरो
भक्ति करो, भक्ति करो
॥ किरपा मिलेगी श्री राम जी...॥
सकल अमंगल हर लेंगे,
हनुमान मेरे,
जय हनुमान, जय हनुमान
तन मन पवन कर देंगे,
श्री राम मेरे,
जय सिया राम, जय सिया राम
शीश झुका कर चरणों में,
प्रणाम करो, प्रणाम करो
भक्ति करो, भक्ति करो
॥ किरपा मिलेगी श्री राम जी...॥
शंकर स्वयं केसरी नंदन,
जय हनुमान,
जय हनुमान, जय हनुमान
विष्णु रूप भगवन है.
मेरे श्री राम,
जय सिया राम, जय सिया राम
विष्णु महेश की लीला का,
गन गान करो,
गान करो, गान करो
भक्ति करो, भक्ति करो
॥ किरपा मिलेगी श्री राम जी...॥
राम से बड़े है भक्त राम के,
जय हनुमान,
जय हनुमान, जय हनुमान
जो नित राम की महिमा गावे,
जय सिया राम, जय सिया राम
अर्पित प्रभु पूजन में जीवन,
प्राण करो, प्राण करो
भक्ति करो, भक्ति करो
॥ किरपा मिलेगी श्री राम जी...॥
हिंदुओं के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम महाकुंभ की शुरुआत में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। पहला शाही 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा पर होने वाला है। इसमें सबसे पहले नागा साधु स्नान करेंगे।
नागा साधु को महाकुंभ का आकर्षण माना जाता है, जिन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इनका शाही स्नान में महत्व बहुत अधिक है। क्योंकि इन्हें आध्यात्मिक शक्ति के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होते हैं। इस दिन माता लक्ष्मी और चंद्रमा की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन को मन, शरीर और आत्मा के संतुलन बनाने के लिए उचित माना जाता है।
अमावस्या का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है। यह दिन पितरों को समर्पित है और माना जाता है कि इस दिन किए गए पूजा-पाठ और दान का विशेष फल मिलता है। यह वह दिन होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है और चंद्रमा दिखाई नहीं देता। इस दिन किए गए पूजा-पाठ और दान का विशेष फल मिलता है।