भगवान मेरी नैया, उस पार लगा देना(Bhagwan Meri Naiya Us Par Gaga Dena)

भगवान मेरी नैया,

उस पार लगा देना,

अब तक तो निभाया है,

आगे भी निभा देना ॥


हम दीन दुखी निर्बल,

नित नाम रहे प्रतिपल,

यह सोच दरश दोगे,

प्रभु आज नही तो कल,

जो बाग़ लगाया है,

फूलों से सजा देना,

भगवान मेरी नईया,

उस पार लगा देना,

अब तक तो निभाया है,

आगे भी निभा देना ॥


तुम शांति सुधाकर हो,

तुम ज्ञान दिवाकर हो,

मम हँस चुगे मोती,

तुम मान सरोवर हो,

दो बूंद सुधारस की,

हमको भी पिला देना,

भगवान मेरी नईया,

उस पार लगा देना,

अब तक तो निभाया है,

आगे भी निभा देना ॥


रोकोगे भला कबतक,

दर्शन को मुझे तुमसे,

चरणों से लिपट जाऊं,

वृक्षों से लता जैसे,

अब द्वार खड़ी तेरे,

मुझे राह दिखा देना,

भगवान मेरी नईया,

उस पार लगा देना,

अब तक तो निभाया है,

आगे भी निभा देना ॥


मजधार पड़ी नैया,

डगमग डोले भव में,

आओ त्रिशला नंदन,

हम ध्यान धरे मन में,

अब ‘तनवर’ करे विनती,

मुझे अपना बना लेना,

भगवान मेरी नईया,

उस पार लगा देना,

अब तक तो निभाया है,

आगे भी निभा देना ॥


भगवान मेरी नैया,

उस पार लगा देना,

अब तक तो निभाया है,

आगे भी निभा देना ॥

........................................................................................................
बता मेरे यार सुदामा रै (Bata Mere Yaar Sudama Re)

बता मेरे यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।

बड़े मान से जमाना, माँ तुमको पूजता है(Bade Maan Se Zamana Maa Tujhe Pujata Hai)

बड़े मान से जमाना,
माँ तुमको पूजता है,

आई होली सावरिया: भजन (Aae Holi Sawariya)

धूम मचाने आ जइयो आई होली सावरिया,
होली सावरिया आई होली सावरिया,

सन्तोषी माता/शुक्रवार की ब्रत कथा (Santhoshi Mata / Sukravaar Ki Vrat Katha

एक नगरमें एक बुढ़ियाके सात पुत्र थे, सातौके विवाह होगए, सुन्दर स्त्री घर में सम्पन्न थीं। बड़े बः पुत्र धंधा करते थे बोटा निठल्ला कुछ नहीं करता था और इस ध्यान में मग्न रहता था कि में बिना किए का खाता हूं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने