भभूती रमाये बाबा भोले नाथ आए(Bhabhuti Ramaye Baba Bholenath Aaye)

भभूती रमाये बाबा भोले नाथ आए,

भोले नाथ आए बाबा डमरू बजाए,

भोले नाथ आए बाबा अलख जगाए ।


सखी एक बोली मैया बाहर पधारो ,

आयो एक बाबो दिखे बड़ो मतवारो,

भिक्षा देयीके कहदो आसन पधारो ।

॥ भभूती रमाये बाबा भोले नाथ आए..॥


भरी थार कंचन को मैया सिधारी,

नमन करीके मैया वचन उचारी,

आशीष दीजै बाबा सुखी भये मुरारी ।

॥ भभूती रमाये बाबा भोले नाथ आए..॥


बोले भोले बाबा मैया आशीष लीजै,

किन्तु एक हेतु मैया सिद्ध करीजै,

लायी के लाल मैया हाथ धरीजै ।

॥ भभूती रमाये बाबा भोले नाथ आए...॥


भभूती रमाये बाबा भोले नाथ आए,

भोले नाथ आए बाबा डमरू बजाए,

भोले नाथ आए बाबा अलख जगाए ।

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अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे (Agar Nath Dekhoge Avgun Humare)

अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥

भगवत गीता चालीसा ( Bhagwat Geeta Chalisa )

प्रथमहिं गुरुको शीश नवाऊँ | हरिचरणों में ध्यान लगाऊँ ||१||

दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa)

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥

बीच भंवर में फसी मेरी नैया (Beech Bhawar Mein Fasi Meri Naiya)

बीच भंवर में फसी मेरी नैया,
तुम्ही हो खिवैया माँ,

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