बंसी वाले के चरणों में, सर हो मेरा,
फिर ना पूछो, कि उस वक्त क्या बात है ।
उनके द्वारे पे डाला है जब से डेरा,
फिर ना पूछो कि कैसी मुलाकात है ॥
यह ना चाहूँ की, मुझ को खुदाई मिले,
यह ना चाहु, मुझे बादशाही मिले ।
ख़ाक दर की मिले ये मुकद्दर मेरा,
इससे बढ़कर बताओ क्या सौगात है ॥
बंसी वाले के चरणों में, सर हो मेरा,
फिर ना पूछो, कि उस वक्त क्या बात है ।
उनके द्वारे पे डाला है जब से डेरा,
फिर ना पूछो कि कैसी मुलाकात है ॥
हो गुलामी अगर आले दरबार की,
ये खुदाई भी है बादशाही भी है ।
दासी दर की भिखारिन बने जिस वक्त,
इससे बढकर बताओ की क्या बात है ॥
बंसी वाले के चरणों में, सर हो मेरा,
फिर ना पूछो, कि उस वक्त क्या बात है ।
उनके द्वारे पे डाला है जब से डेरा,
फिर ना पूछो कि कैसी मुलाकात है ॥
गोविन्द मेरो है गोपाल मेरो है ।
श्री बांके बिहारी नंदलाल मेरो है ॥
बंसी वाले के चरणों में, सर हो मेरा,
फिर ना पूछो, कि उस वक्त क्या बात है ।
उनके द्वारे पे डाला है जब से डेरा,
फिर ना पूछो कि कैसी मुलाकात है ॥
हिंदू कैलेंडर के हिसाब से विवाह पंचमी का पर्व मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाई जाती है। इस दिन प्रभु श्रीराम और माता सीता की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करने का विधान है। वहीं इस साल विवाह पंचमी 06 दिसंबर शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी।
सनातन धर्म में विवाह पंचमी का दिन सबसे पवित्र माना गया है। क्योंकि यह वही दिन है, जब माता सीता और प्रभु श्री राम शादी के बंधन में बंधे थे। पंचांग के अनुसार, विवाह पंचमी का त्योहार हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाई जाती है।
मनमोहन तुझे रिझाऊं,
तुझे नित नए लाड़ लड़ाऊं,
मन धीर धरो घबराओ नहीं,
श्री राम मिलेंगे कहीं ना कहीं,