बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गयी,
कमाल कर गई जी कमाल कर गई,
कमाल कर गई जी कमाल कर गई,
मुरली वाले तेरी मुरली कमाल कर गई ॥
बंसी बजाकर के चित को चुरावे,
चित को चुराकर दीवाना बनावे,
ये ग्वालियो की टोली धमाल कर गई,
बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गई ॥
पूनम की रतियाँ झमाझम पानी,
दुल्हन सी सज गई है धरती सुहानी,
यमुना की धारा निहाल कर गई,
बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गई ॥
ललिता भी नाचे विशाखा भी नाचे ,
सखियों के बीच राधा माधव भी नाचे,
‘नंदू’ ये मस्ती निहाल कर गई,
बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गई ॥
बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गयी,
कमाल कर गई जी कमाल कर गई,
कमाल कर गई जी कमाल कर गई,
मुरली वाले तेरी मुरली कमाल कर गई ॥
प्रतिमा साल भर टेढ़ी मुद्रा में रहती है। राम नवमी के दिन यह प्रतिमा सीधी हो जाती है। इसी दिन देवी की आरती और पूजा लाठियों से की जाती है।
भगवान श्री राम ने रावण का वध करने से पहले देवी के सभी नौ रूपों की पूरी विधि-विधान के साथ नौ दिनों तक पूजा की। मां के आशीर्वाद से दसवें दिन दशानन रावण का वध किया था। यही नौ दिन नवरात्रि के थे और दसवें दिन विजयादशमी।
काशी में मां दुर्गा के इस मंदिर में स्थित है रक्त से बना कुंड, पुजारी के दर्शन के बाद ही पूरी होती है पूजा
लखनऊ की चंद्रिका देवी से लेकर मिर्जापुर की बड़ी काली तक, ये हैं उत्तर प्रदेश के देवी मंदिर, नवरात्रि में जरूर करें दर्शन