बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गयी (Banshi Wale Teri Bansuri Kamal Kar Gayi)

बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गयी,

कमाल कर गई जी कमाल कर गई,

कमाल कर गई जी कमाल कर गई,

मुरली वाले तेरी मुरली कमाल कर गई ॥


बंसी बजाकर के चित को चुरावे,

चित को चुराकर दीवाना बनावे,

ये ग्वालियो की टोली धमाल कर गई,

बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गई ॥


पूनम की रतियाँ झमाझम पानी,

दुल्हन सी सज गई है धरती सुहानी,

यमुना की धारा निहाल कर गई,

बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गई ॥


ललिता भी नाचे विशाखा भी नाचे ,

सखियों के बीच राधा माधव भी नाचे,

‘नंदू’ ये मस्ती निहाल कर गई,

बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गई ॥


बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गयी,

कमाल कर गई जी कमाल कर गई,

कमाल कर गई जी कमाल कर गई,

मुरली वाले तेरी मुरली कमाल कर गई ॥

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माँ दुर्गा माँ काली की आरती (अम्बे तू है जगदम्बे काली)

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती, ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

भोले बाबा ने पकड़ा हाथ (Bhole Baba Ne Pakda Hath)

भोले बाबा ने पकड़ा हाथ,
की रहता हर पल मेरे साथ,

प्रेतराज चालीसा (Pretraj Chalisa)

॥ गणपति की कर वंदना, गुरू चरनन चितलाये।

क्यों मनाई जाती है गोपाष्टमी, जानिए पूजा विधि

गोपाष्टमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भगवान कृष्ण के गौ-पालन और लीलाओं की याद दिलाता हैं। गोपाष्टमी दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसमें गोप का अर्थ है "गायों का पालन करने वाला" या "गोपाल" और अष्टमी का अर्थ हैं अष्टमी तिथि या आठवां दिन।

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