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बांके बिहारी तेरे नैना कजरारे, नजर ना लग जाए (Banke Bihari Tere Naina Kajrare Nazar Na Lag Jaye)

बांके बिहारी तेरे नैना कजरारे, नजर ना लग जाए (Banke Bihari Tere Naina Kajrare Nazar Na Lag Jaye)

बांके बिहारी तेरे नैना कजरारे,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये ॥


मोर का मुकुट,

शीश पे शोभा पा रहा,

मुखड़े को देख के,

चाँद भी लजा रहा,

अधरों से छलके है,

रस की फुहारें,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये ॥


तीखी कटारें,

दोनों नैनो में कजरा,

बाल है तिहारे जैसे,

सावन के बदरा,

गालों पे छाए,

कारे कारे घुंघरारे,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये ॥


पतली कमर तेरी,

लचके कमाल की,

वारि वारि जाऊं तेरी,

मस्तानी चाल की,

करती पायलियां,

तेरी मीठी झनकारे,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये ॥


रमण बचाऊं तोहे,

सबकी नज़र से,

आजा छिपा लूं तोहे,

नैनो के घर से,

सुन मेरे प्यारे,

इस दिल की पुकारें,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये ॥


बांके बिहारी तेरे नैना कजरारे,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये,

नजर ना लग जाए,

ओये ओये ओये ॥


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श्री यंत्र की महिमा और महत्व

सनातन धर्म में धन की देवी मां महालक्ष्मी सभी सुखों को प्रदान करने वाली मानी जाती हैं। आज के इस आधुनिक दौर में भी हिन्दू धर्म मे माता महालक्ष्मी की पूजा अत्यंत श्रद्धा के साथ की जाती है।

मां लक्ष्मी के वाहन उल्लू की पौराणिक कथा

दिपावली पर लक्ष्मी पूजा का सबसे अधिक महत्व है। माता के अष्ट लक्ष्मी स्वरूपों की विधि पूर्वक पूजन करने से माता की कृपा प्राप्त होती है।

आदि लक्ष्मी की महिमा

आदि लक्ष्मी, मां लक्ष्मी का पहला स्वरूप हैं। मान्यता है कि आदि लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है तथा मृत्यु के बाद मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। आदि लक्ष्मी को महालक्ष्मी भी कहा जाता है।

माता लक्ष्मी के प्रसिद्ध स्त्रोत

जैसा कि आप सभी जानते हैं मां लक्ष्मी के कुल आठ स्वरूप हैं। वैसे तो दीपावली पर हम सभी मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं लेकिन मां लक्ष्मी के अष्ट स्वरूपों में से प्रत्यक्ष स्वरूप को प्रसन्न करने हेतु मां लक्ष्मी के इन अष्ट स्वरूपों से संबंधित स्त्रोत का पाठ कर आप मनोवांछित फल प्राप्त कर सकते हैं।

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