नवीनतम लेख
मंगलवार शनिवार,
बालाजी ने ध्याले तू,
थोड़ो सो सिंदूर चढ़ाकर,
मन का चाया पाले तू ॥
संकट मोचन संकट हारी,
सारी दुनिया बोले है,
बड़ा बड़ा राजा महाराजा,
आके दर पर डोले है,
राम राम से रीझे है यो,
राम राम बस गा ले तू,
थोड़ो सो सिंदूर चढ़ाकर,
मन का चाया पाले तू ॥
तुरता फुर्ती काम पटावे,
भगत की पीड़ा काटे है,
शरण पड़या ने बालाजी,
कदे भी नहीं नाटे है,
जद बजरंगबली है सागे,
फिर क्यों चिंता पाले तू,
थोड़ो सो सिंदूर चढ़ाकर,
मन का चाया पाले तू ॥
लाल लंगोटो हाथ में सोटो,
सेठ मोटो मोटो है,
भरया रवे भंडार ऐके,
कदे ना होवे टोटो है,
‘श्याम’ कहे है सांची महिमा,
बालाजी की गा ले तू,
थोड़ो सो सिंदूर चढ़ाकर,
मन का चाया पाले तू ॥
मंगलवार शनिवार,
बालाजी ने ध्याले तू,
थोड़ो सो सिंदूर चढ़ाकर,
मन का चाया पाले तू ॥
........................................................................................................'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।