बड़ी मुश्किल से आई तेरे दर,
आस पूरी माँ कर देना मेरी,
लिए संकट हजारो के हर,
आज चिंता माँ हर लेना मेरी,
बड़ी मुश्किल से आईं तेरे दर,
आस पूरी माँ कर देना मेरी ॥
तुझे सबकी खबरिया है माता,
तेरी आज्ञा से चलता विधाता,
किसकी किस्मत के कैसे सितारे,
सभी लिखा है पास तुम्हारे,
पास तुम्हारे ॥
कभी इस और करके नजर,
आस पूरी माँ कर देना मेरी,
बड़ी मुश्किल से आई तेरे दर,
आस पूरी माँ कर देना मेरी ॥
तेरी करुणा है सबपे बरसती,
फिर क्यों झोली ये मेरी तरसती,
माँ ही बेटी की गर ना सुनेगी,
फिर कहाँ मेरी बिगड़ी बनेगी,
बिगड़ी बनेगी ॥
दे के हंसने का मुझको वर,
आस पूरी माँ कर देना मेरी,
बड़ी मुश्किल से आईं तेरे दर,
आस पूरी माँ कर देना मेरी ॥
अपने आँचल में मुझको छूपाले,
तू माँ अम्बा है अब तो बचा ले,
रह के पथ्थरो में पथ्थर बनो ना,
मेरी निर्दोष विनती सुनो माँ,
हाँ हाँ विनती सुनो माँ ॥
कभी ममता से देखो इधर,
आस पूरी माँ कर देना मेरी,
बड़ी मुश्किल से आईं तेरे दर,
आस पूरी माँ कर देना मेरी ॥
बड़ी मुश्किल से आईं तेरे दर,
आस पूरी माँ कर देना मेरी,
लिए संकट हजारो के हर,
आज चिंता माँ हर लेना मेरी,
बड़ी मुश्किल से आईं तेरे दर,
आस पूरी माँ कर देना मेरी ॥
रंग पंचमी भारत के विभिन्न हिस्सों में उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। यह पर्व होली के ठीक पाँच दिन बाद आता है और इस दिन विशेष रूप से देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है।
पापमोचनी एकादशी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, और शास्त्रों के अनुसार, इसे पापों से मुक्ति दिलाने वाला बताया गया है।
रंग पंचमी 2025 इस वर्ष 21 मार्च को मनाई जाएगी। यह पर्व होली के पांचवें दिन फाल्गुन मास की शुक्ल पंचमी तिथि को आता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, रंग पंचमी का दिन देवी-देवताओं को समर्पित होता है और इस दिन वे भी गीले रंगों से होली खेलते हैं।
पापमोचनी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह एकादशी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में मनाई जाती है।