बड़ा है दयालु भोले नाथ डमरू वाला (Bada Hai Dayalu Bhole Nath Damaru Wala)

श्लोक:

शिव समान दाता नहीं,

विपत निवारण हार,

लज्जा सबकी राखियो,

ओ नंदी के असवार ।

बोलो शंकर भगवान की जय !


बड़ा है दयालु भोले नाथ डमरू वाला,

जिनके गले में विषधर काला,

नीलकंठ वाला,

भोले नाथ डमरू वाला,

बड़ा है दयालू भोले नाथ डमरू वाला ।


बैठे पर्वत धुनि रमाये,

बदन पड़ी मृगछाला है,

कालो के महाकाल सदाशिव,

जिनका रूप निराला है,

उनकी गोदी में गजानन लाला,

ओ नीलकंठ वाला,

भोले नाथ डमरू वाला,

बड़ा है दयालू भोले नाथ डमरू वाला ।


बड़ा है दयालु भोले नाथ डमरू वाला,

जिनके गले में विषधर काला,

नीलकंठ वाला,

भोले नाथ डमरू वाला,

बड़ा है दयालू भोले नाथ डमरू वाला ।


शीश चन्द्रमा जटा में गंगा,

बदन पे भस्मी चोला है,

तीन लोक में नीलकंठ सा,

देव ना कोई दूजा है,

पीगए पीगए विष का प्याला,

ओ नीलकंठ वाला,

भोले नाथ डमरू वाला,

बड़ा है दयालू भोले नाथ डमरू वाला ।


बड़ा है दयालु भोले नाथ डमरू वाला,

जिनके गले में विषधर काला,

नीलकंठ वाला,

भोले नाथ डमरू वाला,

  बड़ा है दयालू भोले नाथ डमरू वाला ।

........................................................................................................
आया पावन सोमवार (Aaya Pawan Somwar)

आया पावन सोमवार,
चलो शिव मंदिर को जाए,

मां अम्बे गौरी जी की आरती (Maa Ambe Gauri Ji Ki Aarti)

जय अम्बे गौरी,मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत,हरि ब्रह्मा शिवरी॥

मां भुवनेश्वरी जयंती (Maa Bhuvaneshwari Jayanti)

जब दुर्गम राक्षस का वध करने मां ने धारण किया भुवनेश्वरी रूप, पूजा विधि के साथ जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व

हरियाली तीज: शिव-पार्वती से सीखें रिश्ते सहेजना

शिव और पार्वती की प्रेम कहानी एक अनोखी और प्यारी कहानी है, जो हमें रिश्तों के मायने सिखाती है। यह कहानी हमें बताती है कि प्यार और सम्मान से भरे रिश्ते को कैसे बनाए रखा जा सकता है। हरियाली तीज का पर्व शिव और पार्वती के प्रेम की याद दिलाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने