बााबा नेने चलियौ हमरो अपन नगरी (Baba Nene Chaliyo Hamaro Apan Nagari)

बााबा नेने चलियौ हमरो अपन नगरी,

बाबा लेले चलियौ हमरो अपन नगरी,

अपन नगरी हो झारखण्ड डगरी

बबा लेले चलियौ हमरो अपन नगरी,

बाबा लेले चलियौ हमरो अपन नगरी

अँगना बहारब बाबा, घरवा बहारब

अँगना बहारब बाबा, घरवा बहारब

औरो बहारब अहां के डेहरी बाबा

औरो बहारब अहां के डेहरी

बा बा नेने चलियौ हमरो अपन नगरी,

बाबा लेले चलियौ हमरो अपन नगरी


अहां के नगर में बाबा गंगा नहायब

अहां के नगर में बाबा गंगा नहायब

जल भरी आनब भरी गगरी

बाबा जल भरी आनब भरी गगरी

बाबा लेले चलियौ हमरो अपन नगरी,


कार्तिक गणपति गोद खिलायब

कार्तिक गणपति गोद खिलायब

पीसब भांग रगड़ी रगड़ी बाबा

पीसब भांग रगड़ी रगड़ी

बाब लेले चलियौ हमरो अपन नगरी,

बाबा लेले चलियौ हमरो अपन नगरी


सांझ सवेरे बाबा झांकी निहारब

जीवन सफल होयत हमरी

बाबा जीवन सफल होयत हमरी

बाबा लेले चलियौ हमरो अपन नगरी,

अपन नगरी हो झारखण्ड डगरी

बाबा लेले चलियौ हमरो अपन नगरी,


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ममतामयी मां हे जगदम्बे (Mamatamayi Ma He Jagadambe)

ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।
(ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।)

समुद्र मंथन और धनवंतरी की कहानी: धनतेरस व्रत कथा (Samudra Manthan aur Dhanvantari ki kahani)

प्राचीन कल की बात हैं दुर्वासा ऋषि के शाप के कारण सभी देवता भगवान विष्णु के साथ शक्तिहीन हो गए थे और साथ ही असुरो की शक्ति भी बढ़ गई थी।

दारिद्र्य दहन शिवस्तोत्रं

विश्वेश्वराय नरकार्णव तारणाय
कणामृताय शशिशेखरधारणाय ।

आनंद ही आनंद बरस रहा (aanand-hi-aanand-baras-raha)

आनंद ही आनंद बरस रहा
बलिहारी ऐसे सद्गुरु की ।

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