बाबा बैद्यनाथ हम आयल छी भिखरिया (Baba Baijnath Hum Aael Chhi Bhikhariya)

बाबा बैद्यनाथ हम आयल छी भिखरिया,

अहाँ के दुअरिया ना,

बाबा बैद्यनाथ हम आयल छी,

भिखरिया अहाँ के दुअरिया ना ॥


अइलों बड़ बड़ आस लगायल,

होहियो हमरा पर सहाय,

अइलों बड़ बड़ आस लगायल,

होहियो हमरा पर सहाय,

एक बेरी फेरी दियौ,

हो एक बेरी फेरी दियौ,

गरीब पर नजरिया,

अहाँ के दुअरिआ ना ॥


हम बाघम्बर झारी ओछायब,

डोरी डमरू के सरियाएब,

हम बाघम्बर झारी ओछायब,

डोरी डमरू के सरियाएब,

कखनो झारी बुहराब,

हो कखनो झारी बुहराब,

बसहा के डगरिया,

अहाँ के दुअरिया ना ॥


हम गंगाजल भरी भरी लायब,

बाबा बैजू के चढ़ायब,

हम गंगाजल भरी भरी लायब,

बाबा बैजू के चढ़ायब,

बेलपत चन्दन हो बेलपत चन्दन,

चढ़ायब फूल केसरिया,

अहाँ के दुअरिया ना ॥


कतेक अधम के अहाँ तारलों,

कतेक पतित के उबारलों,

कतेक अधम के अहाँ तारलों,

कतेक पतित के उबारलों,

बाबा एक बेर फेरी दियौ,

हमरो पर नजरिया, अहाँ के दुअरिया ना,

बाबा बैद्यनाथ हम आयल छी,

भिखरिया अहाँ के दुअरिया ना ॥

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अम्बा माई उतरी हैं बाग में हो मां (Amba Mai Utari Hai Baag Me)

अम्बा माई उतरी हैं बाग में हो मां।
(मैय्या, अम्बा माई उतरी हैं बाग में हो मां।)

श्री राधाजी की आरती (Shri Radhaji Ki Aarti)

आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की।
त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि, विमल विवेक विराग विकासिनि।

श्री हनुमान चालीसा

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमन मुकुरु सुधारि।
बरनउं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।

श्री शीतला माता चालीसा (Shri Shitala Mata Chalisa)

जय जय माता शीतला, तुमहिं धरै जो ध्यान ।
होय विमल शीतल हृदय, विकसै बुद्धी बल ज्ञान ॥

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