अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना (Ayodhya Nath Se Jakar Pawansut Hal Kah Dena)

अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना,

तुम्हारी लाड़ली सीता हुई बेहाल कह देना ।


जब से लंका में आई नहीं श्रृंगार है कीन्हा,

नहीं बांधे अभी तक खुले है बाल कह देना ।

॥ अयोध्या नाथ से जाकर...॥


यहाँ रावण सदा धमकी मुझे तलवार की देता,

करो तलवार के टुकड़े ये अंजनीलाल कह देना ।

॥ अयोध्या नाथ से जाकर...॥


अंगूठी राम को देकर सुनाना हाल सब दिल का,

भूले राम सीता को ये अंजनीलाल कह देना ।

॥ अयोध्या नाथ से जाकर...॥


अगर एक मॉस के अन्दर, मेरे राम ना आये,

तो सीता राम ना पाये ये अंजनीलाल कह देना ।


अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना,

तुम्हारी लाड़ली सीता हुई बेहाल कह देना ।

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