अजब है भोलेनाथ ये, दरबार तुम्हारा - भजन (Ajab Hai Bholenath Ye Darbar Tumhara)

अजब है भोलेनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा,

भूत प्रेत नित करे चाकरी,

सबका यहाँ गुज़ारा,

अजब है भोलेंनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा ॥


बाघ बैल को हरदम,

एक जगह पर राखे,

कभी ना एक दूजे को,

बुरी नज़र से ताके,

कही और नही देखा हमने,

ऐसा गजब नज़ारा,

अजब है भोलेंनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा ॥


गणपति राखे चूहा,

कभी सर्प नही छुआ,

भोले सर्प लटकाए,

कार्तिक मोर नचाए,

आज का कानून नही है तेरा,

अनुशाशित है सारे,

अजब है भोलेंनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा ॥


अजब है भोलेनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा,

भूत प्रेत नित करे चाकरी,

सबका यहाँ गुज़ारा,

अजब है भोलेंनाथ ये,

दरबार तुम्हारा,

दरबार तुम्हारा ॥


........................................................................................................
दिसंबर माह के व्रत, त्योहार

दिसंबर माह वर्ष का अंतिम महीना होने के साथ-साथ धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। इस महीने मार्गशीर्ष और पौष के कई व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे।

मेरी अंखियों के सामने ही रहना ओ शेरोंवाली जगदम्बे

मेरी अखियों के सामने ही रहना, ओ, शेरों वाली जगदम्बे
(मेरी अखियों के सामने ही रहना, ओ, शेरों वाली जगदम्बे)

राम नाम के हीरे मोती, मैं बिखराऊँ गली गली(Ram Nam Ke Heere Moti Main Bikhraun Gali Gali)

राम नाम के हीरे मोती,
मैं बिखराऊँ गली गली ।

हे करुणा मयी राधे, मुझे बस तेरा सहारा है (Hey Karuna Mayi Radhe Mujhe Bas Tera Sahara Hai)

हे करुणा मयी राधे,
मुझे बस तेरा सहारा है,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने

संबंधित लेख