आजा.. नंद के दुलारे हो..हो..: भजन (Ajaa Nand Ke Dulare)

आजाआ... ओओओ...

आजा.. नंद के दुलारे हो..हो..

रोवे अकेली मीरा..आ..

आजा.. नंद के दुलारे हो..हो..

रोवे अकेली मीरा..आ..


बालक सी न ब्याह करवाया

तेरे संग ब्याही हो..हो..

पिहर छोड़ सासरे आगी

लदी कुल क शाही हो..हो.. ॥

आजा.. नंद के दुलारे हो..हो..॥


रोम रोम मे रम होया से..

नही रोम टेन न्यारा हो

दुष्टों का संघार किया

बन्यां भक्तो का तू प्यारा हो.. ॥

रोम रोम मे रम होया से.. ॥


जंग जोवे अकेली मीरा..आ.. ॥

आजा.. नंद के दुलारे हो..हो.. ॥


आदम देह के चोले संग

दूत रहें सयम हो.. हो..

सतरंग सेज बिछा रखी से

लगे गाळीचे गम के हो..हो.. ॥

आदम देह के चोले संग ॥


सोवे अकेली मीरा..आ.. ॥

आजा.. नंद के दुलारे हो..हो.. ॥


माँगेराम राम ने टोहेवे

कोन्यों पाया दर पे हो..हो..

लख़मिचंद सुरग मे जालिये

फेर भी बोझा सिर पे हो..हो..॥

माँगेराम राम ने टोहेवे ॥


ढोवे अकेली मीरा..आ.. ॥

आजा.. नंद के दुलारे हो..हो.. ॥


आजाआ... ओओओ...

आजा.. नंद के दुलारे हो..हो..

रोवे अकेली मीरा..आ..

आजा.. नंद के दुलारे हो..हो..

रोवे अकेली मीरा..आ..


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श्री लक्ष्मी चालीसा

मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास ।
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ऋषि पंचमी का व्रत रखने से महिलाओं को मिलती है रजस्वला दोष से मुक्ति, पहली बार व्रत रखने पर ध्यान रखें ये नियम

हिंदू धर्म में व्रत रखना एक महत्वपूर्ण परंपरा है। ये हमें अपने जीवन को सुधारने और आध्यात्म से जुड़ने के लिए प्रेरित करती है साथ ही हमारे शरीर का संतुलन भी बना रहता है।

प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी (Pyara Saja Hai Tera Dwar Bhawani)

दरबार तेरा दरबारों में इक खास एहमियत रखता है
उसको वैसा मिल जाता है जो जैसी नीयत रखता है

दीवाली कलश पूजा (Diwali Kalash Puja)

सबसे पहले कलश पर मौली बांधकर ऊपर आम का एक पल्लव रखें। कलश में सुपारी, दूर्वा, अक्षत, सिक्का रखें।

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