ऐसा दरबार कहाँ, ऐसा दातार कहाँ (Aisa Darbar Kahan Aisa Datar Kaha)

ऐसा दरबार कहाँ,

ऐसा दातार कहाँ,

ढूंढी सारी ये दुनिया,

ऐसी सरकार कहाँ ॥


मुझे अपना बना के,

अहसान कर दिया है,

मुझको गले लगा के,

बाबा सारी दुनिया में,

तेरे जैसा प्यार कहाँ,

ढूंढी सारी ये दुनिया,

ऐसी सरकार कहाँ ॥


मेरी नजर के आगे,

हर काम हो रहा है,

तकलीफ मिट गई है,

आराम हो गया है,

बाबा सब काम करे,

यहाँ इनकार कहाँ,

ढूंढी सारी ये दुनिया,

ऐसी सरकार कहाँ ॥


सबकी है क्या जरुरत,

बस एक को मना लो,

भक्तो तुम अपना साथी,

भूतनाथ को बना लो,

और किसी की भी,

फिर दरकार कहाँ,

ढूंढी सारी ये दुनिया,

ऐसी सरकार कहाँ ॥


ऐसा दरबार कहाँ,

ऐसा दातार कहाँ,

ढूंढी सारी ये दुनिया,

ऐसी सरकार कहाँ ॥

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उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा

उत्पन्ना एकादशी की पौराणिक कथा मां एकादशी के जन्म से संबंधित है। इसमें ये बताया गया है कि उन्होंने भगवान विष्णु को एक राक्षस से कैसे बचाया। दरअसल सतयुग में एक मुरा नाम का एक राक्षस था।

श्री भैरव चालीसा (Shri Bhairav ​​Chalisa)

श्री गणपति गुरु गौरी पद, प्रेम सहित धरि माथ ।
चालीसा वंदन करो, श्री शिव भैरवनाथ ॥

आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी (Aapne Apna Banaya Meharbani Aapki)

आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी,
हम तो इस काबिल ही ना थे,

अंजनी के लाला पे, भरोसा जो होगा (Anjani Ke Lala Pe Bharosa Jo Hoga)

अंजनी के लाला पे,
भरोसा जो होगा,

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