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ऐ मुरली वाले मेरे कन्हैया, बिना तुम्हारे (Ae Murliwale Mere Kanhaiya, Bina Tumhare )

ऐ मुरली वाले मेरे कन्हैया, बिना तुम्हारे (Ae Murliwale Mere Kanhaiya, Bina Tumhare )

ऐ मुरली वाले मेरे कन्हैया,

बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं,

ऐ मुरली वालें मेरे कन्हैया,

बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं,

तुम्हारी यादों में प्राण प्यारे,

आंखों से आंसू छलक रहे हैं,

ऐ मुरली वालें मेरे कन्हैया,

बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं ॥


मुझे है कितनी तुमसे मोहब्बत,

कभी जरा आजमा के देखो,

तुम्हारे कदमों में मर मिटेंगे,

तुम्हारे कदमों में मर मिटेंगे,

दिल में ये अरमां मचल रहे हैं,

ऐ मुरली वालें मेरे कन्हैया,

बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं ॥


मुझे है चाहत बस एक तेरी,

ना छोड़ना तुम मुझे अकेला,

तुम मुझसे बस इतना सा कहदो,

तुम मुझसे बस इतना सा कहदो,

मिलने को तुमसे हम चल रहे हैं,

ऐ मुरली वालें मेरे कन्हैया,

बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं ॥


हम तुमसे दामन फैलाके मांगे,

रहमत की अपनी तुम भीख दे दो,

‘चित्र विचित्र’ भी ऐ कमली वाले,

‘चित्र विचित्र’ भी ऐ कमली वाले,

तेरे कर्म पे ही पल रहे हैं,

ऐ मुरली वालें मेरे कन्हैया,

बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं ॥


ऐ मुरली वाले मेरे कन्हैया,

बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं,

ऐ मुरली वालें मेरे कन्हैया,

बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं,

तुम्हारी यादों में प्राण प्यारे,

आंखों से आंसू छलक रहे हैं,

ऐ मुरली वालें मेरे कन्हैया,

बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं ॥

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कब मनाई जाएगी मासिक कृष्ण जन्माष्टमी

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। भक्त अपने घरों में श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करते हैं।

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी धार्मिक दृष्टि से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भगवान कृष्ण की अद्भुत लीलाओं और शिक्षाओं को स्मरण करने का दिवस माना जाता है।

कृष्ण जन्माष्टमी स्त्रोत

पंचांग के अनुसार, हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। 3 का जन्म कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था, इसलिए इस दिन को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।

श्री कृष्ण चालीसा

सनातन धर्म में भगवान श्रीकृष्ण को पूर्णावतार माना गया है। उनका जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था।

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