अब दया करो हे भोलेनाथ (Ab Daya Karo He Bholenath)

अब दया करो हे भोलेनाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में,

मेरे सर पर रख दो अपना हाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में,

अब दया करो हें भोलेनाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में ॥


तेरे चरणों में हो मेरा माथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में,

अब दया करो हें भोलेनाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में ॥


तेरे द्वार खड़े है रख ले लाज,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में,

अब दया करो हें भोलेनाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में ॥


मैं तो झूम झूम के नाचूं आज,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में,

अब दया करो हें भोलेनाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में ॥


जपू हर हर भोले दिन और रात,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में,

अब दया करो हें भोलेनाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में ॥


मेरे मन में बसे हो भोलेनाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में,

अब दया करो हें भोलेनाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में ॥


अब दया करो हे भोलेनाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में,

मेरे सर पर रख दो अपना हाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में,

अब दया करो हें भोलेनाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में ॥

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तेरे दरबार में मैय्या खुशी मिलती है

तेरी छाया मे, तेरे चरणों में,
मगन हो बैठूं, तेरे भक्तों में॥

आये जी आये नवराते (Aaye Ji Aaye Navrate)

आये जी आये नवराते आये,
भक्तों को मैया दर्शन दिखाएं,

श्री हनुमान लला जी की आरती

आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

पापंकुशा एकादशी 2024: व्रत की विधि और तिथि, किसकी होती है पूजा

पापांकुशा एकादशी हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह त्योहार आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर में पड़ता है।

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