आई सिंघ पे सवार (Aayi Singh Pe Swar)

आई सिंघ पे सवार,

मईया ओढ़े चुनरी,

ओढ़े चुनरी,

मईया ओढ़े चुनरी ,

आई सिंघ पे सवार मईया ॥


आदि शक्ति है मात भवानी,

जय दुर्गे माँ काली,

बड़े बड़े राक्षस संघारे,

रण चंडी मतवाली,

करे भक्तों का,

उद्दार 'मईया ओढ़े चुनरी,

आई सिंघ पे सवार मईया ॥


महिषासुर सा महाँ बली,

देवों को ख़ूब सताया,

छीन लिया इन्द्रासन और,

देवों को मार भगाया,

करी देवों ने पुकार 'मईया ,

ओढ़े चुनरी आई,

आई सिंघ पे सवार मईया ॥


दुर्गा का अवतार लिया झट,

महिषासुर संघारी,

दूर किया देवों का संकट,

लीला तेरी न्यारी,

किया देवों पे उपकार 'मईया,

ओढ़े चुनर आई,

सिंघ पे सवार मईया ॥


जो कोई जिस मनसा से मईया,

द्वार तिहारे जाता,

हर इच्छा होती पूरी और,

मँह माँगा फल पता,

तेरा गुण गावे संसार 'मईया,

ओढ़े चुनरी,

आई सिंघ पे सवार मईया ॥

........................................................................................................
आओ बालाजी, आओं बालाजी (Aao Balaji Aao Balaji)

आओ बालाजी,
आओं बालाजी,

आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द (Aaja Kalyug Me Leke Avtar O Govind)

आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द
आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द

भवसागर तारण कारण हे (Bhava Sagara Tarana Karana He)

भवसागर तारण कारण हे ।
रविनन्दन बन्धन खण्डन हे ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने