आयी महादेवी अवतार,
भवानी मोरे अंगना में ॥
रहे निमंत्रण डार,
खेरे की खेड़ापति,
मोरे अंगना जाओ पधार ॥
लकी द्वार अर्जी करे,
महादेवी अवतार,
खेरे की खेड़ापति,
मोरे अंगना जाओ पधार ॥
आयी महादेवी अवतार,
भवानी मोरे अंगना में,
मोरे अंगना में तोरी मढिया में,
छाईं खुशियां अपरम्पार,
भवानी तोरी मढिया में,
आईं महादेवी अवतार,
भवानी मोरे अंगना में ॥
एक तरफ तू माता विराजे,
दूजे राम जानकी संग विराजे,
दो हमें अभय वरदान,
भवानी तोरी मढिया में,
छाईं खुशियां अपरम्पार,
भवानी तोरी मढिया में,
आईं महादेवी अवतार,
भवानी मोरे अंगना में ॥
पहरे वाली द्वार तुम्हारे,
बजरंगी करते जयकारे,
गाये लकी तेरे गुणगान,
भवानी तोरी मढिया में,
छाईं खुशियां अपरम्पार,
भवानी तोरी मढिया में,
आईं महादेवी अवतार,
भवानी मोरे अंगना में ॥
नवराते में बोए जवारे,
काली नाचे द्वार तुम्हारे,
करें भगत हैं जय जयकार,
भवानी तोरी मढिया में,
छाईं खुशियां अपरम्पार,
भवानी तोरी मढिया में,
आईं महादेवी अवतार,
भवानी मोरे अंगना में ॥
माता मेरी विनती सुनले,
हम भगतों के कष्टों को हरले,
सदा करूँ तेरा गुणगान,
भवानी तोरी मढिया में,
छाईं खुशियां अपरम्पार,
भवानी तोरी मढिया में,
आईं महादेवी अवतार,
भवानी मोरे अंगना में ॥
आईं महादेवी अवतार,
भवानी मोरे अंगना में,
मोरे अंगना में तोरी मढिया में,
छाईं खुशियां अपरम्पार,
भवानी तोरी मढिया में,
आईं महादेवी अवतार,
भवानी मोरे अंगना में ॥
श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन,हरण भवभय दारुणम्।
नव कंज लोचन, कंज मुख कर, कंज पद कंजारुणम्॥
आरती कीजै श्री रघुवर जी की, सत् चित् आनन्द शिव सुन्दर की।
दशरथ तनय कौशल्या नन्दन, सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन।
सत्य, सनातन, सुंदर, शिव! सबके स्वामी ।
अविकारी, अविनाशी, अज, अंतर्यामी ॥
बन्दौं रघुपति करुना निधान, जाते छूटै भव-भेद ग्यान॥
रघुबन्स-कुमुद-सुखप्रद निसेस, सेवत पद-पन्कज अज-महेस॥