आयी बरसाने वाली है आयी (Aayi Barsane Wali Hai Aayi)

आयी बरसाने वाली है आयी,

रास रचते है कृष्ण कन्हाई ॥


देखो टोली है सखियों के संग में,

छाई मस्ती है हर अंग अंग में,

राधा कान्हा को देख मुस्काई,

रास रचते है कृष्ण कन्हाई ॥


कैसा प्यारा लगे ये नज़ारा,

श्याम राधे को करते इशारा,

देखो राधे रानी शरमाई,

रास रचते है कृष्ण कन्हाई ॥


राधे नाच नाच श्याम को रिझाए,

कान्हा मुरली जो होंठो से लगाए,

राधा रानी की सुध बिसराई,

रास रचते है कृष्ण कन्हाई ॥


श्याम अलबेला रास रचाए,

सारे गोकुल को संग में नचाए,

कहे ‘पवन’ क्या माया रचाई,

रास रचते है कृष्ण कन्हाई ॥


आयी बरसाने वाली है आयी,

रास रचते है कृष्ण कन्हाई ॥

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छठ पूजा ध्यान मंत्र (Chhath Puja Dhyan Mantra)

षष्ठांशां प्रकृते: शुद्धां सुप्रतिष्ठाण्च सुव्रताम्।
सुपुत्रदां च शुभदां दयारूपां जगत्प्रसूम्।।

मेरा सर ढकने की माई तेरी चूनर काफी है

धूप समय की लाख सताए मुझ में हिम्मत बाकी है।
धूप समय की लाख सताए मुझ में हिम्मत बाकी है।
मेरा सर ढकने को माई तेरी चूनर काफ़ी है।

श्री शनि चालीसा

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।
दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥

वराह जयंती पर जानिए देश के प्रसिद्ध वराह मंदिरों के बारे में

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