आओ सब महिमा गाये,
मिल के हनुमान की,
दुनिया दीवानी हो गई,
सालासर धाम की,
दुनिया दिवानी हो गई,
सालासर धाम की ॥
राम नाम का बड़ा व्यापारी,
सेठों का है सेठ,
सेठों का है सेठ,
जब चाहे ये मौज बना दे,
कष्टों को दे मेट,
कष्टों को दे मेट,
करता ना लेट इनपे,
किरपा है राम की,
दुनिया दिवानी हो गई,
सालासर धाम की ॥
आठों पहर चौबीसो घंटे,
राम नाम गुण गाता,
राम नाम गुण गाता,
सारे काम करे आसान है,
राम से सीधा नाता,
राम से सीधा नाता,
ह्रदय में राम समाए,
संग माता जानकी,
दुनिया दिवानी हो गई,
सालासर धाम की ॥
इनकी मेहर का किसे पता है,
कब किस पर हो जाए,
कब किस पर हो जाए,
इसी आस विश्वास पे दुनिया,
तेरे दर पे आए,
तेरे दर पे आए,
बाबा ने बदली किस्मत,
देखो ‘बलराम’ की,
दुनिया दिवानी हो गई,
सालासर धाम की ॥
आओ सब महिमा गाये,
मिल के हनुमान की,
दुनिया दीवानी हो गई,
सालासर धाम की,
दुनिया दिवानी हो गई,
सालासर धाम की ॥
सनातन धर्म में एकादशी तिथि भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है। पंचांग के अनुसार, माघ महीने की एकादशी तिथि को ही षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के संग मां लक्ष्मी की पूजा-व्रत करने से का विधान है।
षटतिला एकादशी माघ महीने में पड़ती है और इस साल यह तिथि 25 जनवरी को है। षटतिला का अर्थ ही छह तिल होता है। इसलिए, इस एकादशी को षटतिला एकादशी कहा जाता है।
हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी व्रत रखा जाता है। इस साल ये व्रत 25 जनवरी, 2025 को रखा जाएगा । इस दिन सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
सनातन धर्म में एकादशी तिथि का काफी महत्व है। माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी के कहते हैं।