नवीनतम लेख
ऐसे वर को क्या वरु,
जो जनमे और मर जाये,
वरीये गिरिधर लाल को,
चुड़लो अमर हो जाये ॥
आओ मेरी सखियो मुझे मेहँदी लगा दो,
मेहँदी लगा दो, मुझे सुन्दर सजा दो,
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो ॥
सतसंग मे मेरी बात चलायी,
सतगुरु ने मेरी किनी सगाई,
उनको बोला के हथलेवा तो करा दो,
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो ॥
ऐसी पहनी चूड़ी जो कबहू ना टूटे,
ऐसा वरु दूल्हा जो कबहू ना छूटे,
अटल सुहाग की बिंदिया लगा दो,
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो ॥
भक्ति का सुरमा मैं आख मे लगाउंगी,
दुनिया से नाता तोड़ मैं उनकी हो जाउंगी,
सतगुरु को बुला के फेरे तो पडवा दो,
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो ॥
बाँध के घुंघरू मै उनको रीझाऊंगी,
ले के इकतारा मै श्याम-श्याम गाऊँगी,
सतगुरु को बुला के बिदा तो करा दो,
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो ॥
आओ मेरी सखियों मुझे मेहँदी लगा दो,
मेहँदी लगा दो, मुझे सुन्दर सजा दो,
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो ॥
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।