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आओ आ जाओ भोलेनाथ (Aao Aa Jao Bholenath)

आओ आ जाओ भोलेनाथ (Aao Aa Jao Bholenath)

आओ आ जाओ भोलेनाथ,

तेरे ख़यालों में खोया रहूं मैं,

तेरे ख़यालों में खोया रहूं मैं,

जागु दिन और रात,

आओ आ जाओं भोलेनाथ,

आओ आ जाओ भोलेनाथ ॥


हे शिव शंकर हे प्रलयंकर,

हे जग के रखवाले,

तेरे बिना मेरी कौन सुनेगा,

तेरे बिना मेरी कौन सुनेगा,

दर्दे दिल की बात,

आओ आ जाओं भोलेनाथ,

आओ आ जाओ भोलेनाथ ॥


मन पंछी बैचेन दरश बिन,

अब तो दरश दिखाओ,

अखियाँ ऐसे बरस रही है,

अखियाँ ऐसे बरस रही है,

सावन की बरसात,

आओ आ जाओं भोलेनाथ,

आओ आ जाओ भोलेनाथ ॥


विष पिए खुद अमृत बांटे,

तुम सम कोई ना दानी,

‘रामा’ दया की भिक्षा मांगे,

‘रामा’ दया की भिक्षा मांगे,

रख दो सिर पर हाथ,

आओ आ जाओं भोलेनाथ,

आओ आ जाओ भोलेनाथ ॥


आओ आ जाओ भोलेनाथ,

तेरे ख़यालों में खोया रहूं मैं,

तेरे ख़यालों में खोया रहूं मैं,

जागु दिन और रात,

आओ आ जाओं भोलेनाथ,

आओ आ जाओ भोलेनाथ ॥

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चैत्र नवरात्रि छठे दिन की पूजा विधि

नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है, जिन्हें शक्ति की देवी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की शादी होने में कोई बाधा आती है या वैवाहिक जीवन में कोई समस्या हो तो देवी कात्यायनी की पूजा से उसे सभी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है।

चैत्र नवरात्रि: मां स्कंदमाता की कथा

नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है, जिन्हें शक्ति की देवी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की शादी होने में कोई बाधा आती है या वैवाहिक जीवन में कोई समस्या हो तो देवी कात्यायनी की पूजा से उसे सभी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है।

चैत्र नवरात्रि: मां कात्यायनी की कथा

मां दुर्गा का छठा स्वरूप देवी कात्यायनी का है, जिन्हें हम चैत्र नवरात्रि के छठे दिन पूजते हैं। धार्मिक अनुष्ठानों के अनुसार, देवी कात्यायनी की पूजा से भक्तों को शक्ति, आत्मविश्वास और सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती हैं।

चैत्र नवरात्रि सातवें दिन की पूजा विधि

चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है, जो अपने भक्तों को डर और संकट से मुक्ति दिलाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कालरात्रि का अर्थ होता है, काल यानी मृत्यु और भय को भी अपने वश में करने वाला, जिन्हें हम मां कालरात्रि के नाम से जानते हैं।

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