आजा भक्तो की सुनके पुकार,
ओ मरघट वाले बाबा जी,
रोज करते है तेरा इंतजार,
ओ मरघट वाले बाबा जी,
आजा भक्तों की सुनके पुकार,
ओ मरघट वाले बाबा जी ॥
मिल जाए जो तेरा सहारा,
कट जाएगा कष्ट हमारा,
लिए बैठे है फूलों के हार,
लिए बैठे है फूलों के हार,
ओ मरघट वाले बाबा जी,
आजा भक्तों की सुनके पुकार,
ओ मरघट वाले बाबा जी ॥
रस्ते में तेरे नैन बिछाए,
बैठे है हम आस लगाए,
और आएँगे मंगल शनिवार,
और आएँगे मंगल शनिवार,
ओ मरघट वाले बाबा जी,
आजा भक्तों की सुनके पुकार,
ओ मरघट वाले बाबा जी ॥
महिमा तेरी सबसे निराली,
द्वार पे तेरे आके सवाली,
तेरी आरती उतारे बारम्बार,
तेरी आरती उतारे बारम्बार,
ओ मरघट वाले बाबा जी,
आजा भक्तों की सुनके पुकार,
ओ मरघट वाले बाबा जी ॥
आजा भक्तो की सुनके पुकार,
ओ मरघट वाले बाबा जी,
रोज करते है तेरा इंतजार,
ओ मरघट वाले बाबा जी,
आजा भक्तों की सुनके पुकार,
ओ मरघट वाले बाबा जी ॥
प्रदोष व्रत भगवान शिव की पूजा को समर्पित एक पवित्र दिन है। इसे हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत का पालन करने से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को मत्स्य द्वादशी के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार को समर्पित है।
अनंग त्रयोदशी हिंदू धर्म में प्रेम और दांपत्य जीवन को सुदृढ़ करने वाला महत्वपूर्ण पर्व है। इसे मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। 2024 में यह तिथि 13 दिसंबर को पड़ रही है।
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है। 2024 में शुक्रवार, 13 दिसंबर को शुक्र प्रदोष व्रत का शुभ अवसर है।