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Aaj Mere Shyam Ki Shadi Hai (आज मेरे श्याम की शादी है)

Aaj Mere Shyam Ki Shadi Hai (आज मेरे श्याम की शादी है)

आज मेरे श्याम की शादी है,

श्याम की शादी है,

मेरे घनश्याम की शादी है,

आज मेरे श्याम की शादी है,

ऐसा लगता है सारे,

ब्रजधाम की शादी है,

आज मेरे श्याम की शादी हैं ॥


बनी है खूब जोड़ी,

कृष्ण रुक्मणि की जोड़ी,

ख़ुशी से नाचे है मन,

मिला सजनी को साजन,

हो ओ.. आज मुझे लगता है,

की ब्रम्हाण्ड की शादी है,

आज मेरे श्याम की शादी है ॥


आज मेरे श्याम की शादी हैं,

श्याम की शादी है,

मेरे घनश्याम की शादी है,

आज मेरे श्याम की शादी है ॥


रुक्मणि यूँ मुस्कावे,

मुझे कान्हा मिल जावे,

मेरी थी यहीं तमन्ना,

पूरी मेरी हुई तमन्ना,

हो ओ.. आज मुझे लगता है,

की संसार की शादी है,

आज मेरे श्याम की शादी है ॥


आज मेरे श्याम की शादी हैं,

श्याम की शादी है,

मेरे घनश्याम की शादी है,

आज मेरे श्याम की शादी है ॥


जगत के पालन कर्ता,

बने रुक्मणि के भर्ता,

गोपियों के चितचोर,

दूल्हा बने माखनचोर,

हो ओ.. मधुमंगल और श्रीदामा ने,

धूम मचाई है,

आज मेरे श्याम की शादी है ॥


आज मेरे श्याम की शादी हैं,

श्याम की शादी है,

मेरे घनश्याम की शादी है,

आज मेरे श्याम की शादी है ॥


वक्त है खूबसूरत,

बड़ा शुभ लगन मुहूरत,

देखो क्या खूब सजी है,

दूल्हे की भोली सूरत,

हो ओ.. बने बाराती देवता सब,

होके साथी है,

आज मेरे श्याम की शादी है ॥


आज मेरे श्याम की शादी हैं,

श्याम की शादी है,

मेरे घनश्याम की शादी है,

आज मेरे श्याम की शादी है ॥


आज मेरे श्याम की शादी हैं,

श्याम की शादी है,

मेरे घनश्याम की शादी है,

आज मेरे श्याम की शादी है,

ऐसा लगता है सारे,

ब्रजधाम की शादी है,

आज मेरे श्याम की शादी हैं ॥


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धनतेरस पर बर्तन खरीदना क्यों होता है शुभ

धनतेरस पर किसी चीज को खरीदने का खास महत्व होता है। धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी जी और कुबेर जी के साथ भगवान धन्वंतरि जी की पूजा की जाती है।

छोटी दिवाली को क्यों कहा जाता है रूप चौदस

भगवान श्रीकृष्ण ने सत्यभामा को अपना सारथी बनाया और उनकी सहायता से नरकासुर का वध कर डाला।

धनतेरस पर न खरीदें ये चीजें

धनतेरस पर खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है। हालांकि इस दिन कुछ विशेष चीजें को खरीदने से परहेज रखना चाहिए। सनातन धर्म में हर एक चीज का अपना महत्व है।

धनतेरस पर जरूर खरीदें ये चीजें

पांच दिवसीय दीपावली त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है। इस मौके पर खरीदारी का सबसे अधिक महत्व है। इस दिन लोग मान्‍यता के अनुसार वस्‍तुओं की खरीदारी करते हैं जिन्हें शुभ माना गया है।

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