आज है जगराता माई का,
माँ को मना लेना,
अरे ऐ भईया जी,
जरा ताली बजा लेना,
हाथ उठा के जोर लगा,
जयकारे लगा लेना,
अरे ऐ बहना जी,
जरा ताली बजा लेना ॥
मिलेगा जो मांगो तुमको,
नहीं कोई शंका,
सारी दुनिया में बजता है,
माई का डंका,
माई के दर पे,
शेरा वाली के दर पे,
जोत जली है,
सर को झुका लेना,
अरे ऐ भईया जी,
जरा ताली बजा लेना ॥
ये हैं मेहरा वाली मैया,
सबको खिलाती है,
बिछड़े हुए सभी को मैया,
पल में मिलाती है,
माई के दर पे,
मेरी माई के दर पे,
जोत जली है,
सर को झुका लेना,
अरे ऐ भईया जी,
जरा ताली बजा लेना ॥
चिंतपूर्णी मैया सबकी,
चिंता मिटाती है,
हारे हुए सभी को मैया,
तू ही जिताती है,
भक्त सुनाये,
माँ की महिमा,
तू संग में गा लेना,
अरे ऐ भईया जी,
जरा ताली बजा लेना ॥
आज है जगराता माई का,
माँ को मना लेना,
अरे ऐ भईया जी,
जरा ताली बजा लेना,
हाथ उठा के जोर लगा,
जयकारे लगा लेना,
अरे ऐ बहना जी,
जरा ताली बजा लेना ॥
घर का मंदिर एक पवित्र स्थान है जहां हम अपने आराध्य देवों की पूजा करते हैं। यह न केवल हमारी भक्ति के केंद्र है, बल्कि आस्था का मार्ग भी दिखाता है।
हिंदू धर्म में भगवान शिव को दया और करुणा का सागर माना जाता है। महादेव का स्वभाव बेहद भोला है, इसलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करता है, उसका कल्याण निश्चित होता है।
अपना घर बनाते समय दिशा का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा को यमराज से जोड़ा जाता है और दक्षिण मुखी घर अशुभ माना जाता है।
महाकुंभ 2025 की शुरुआत में अब 1 महीने से भी कम समय बचा है। शाही स्नान के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है। प्रयागराज का त्रिवेणी संगम हिंदु धर्म के सबसे बड़े समागम के लिए तैयार है।