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आदि अंत मेरा है राम (Aadi Ant Mera Hai Ram)

आदि अंत मेरा है राम (Aadi Ant Mera Hai Ram)

आदि अंत मेरा है राम,

उन बिन और सकल बेकाम ॥


कहा करूं तेरा बेद पुराना,

जिन है सकल जगत भरमाना ॥


कहा करूं तेरी अनुभै बानी,

जिनमें तेरी सुद्धि भुलानी ॥


कहा करूं ये मान बड़ाई,

राम बिना सबही दुखदाई ॥


कहा करूं तेरा सांख व जोग,

राम बिना सब बंधन रोग ॥


कहा करूं दंद्रिन का सुक्ख,

राम बिना देवा सब दुक्ख ॥


दरिया कहै राम गुरू मुखिया,

हरि बिनु दुखी राम सँग सुखिया ॥

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देव गुरु बृहस्पति की पूजा विधि?

हिंदू धर्म में प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता को समर्पित है। उसी प्रकार, गुरुवार का दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति देव का दिन होता है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से बृहस्पति की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

सोमवती अमावस्या व्रत से बदलेगी किस्मत

सनातन हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि काफ़ी महत्वपूर्ण माना जाता है। अमावस्या तिथि कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन होती है और इस दिन आकाश में चांद दिखाई नहीं देता है। प्रत्येक साल कुल 12 अमावस्या पड़ती हैं।

सोमवती अमावस्या पर 5 स्थानों पर जलाएं दीपक

सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इसे पितरों और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त करने का उत्तम समय माना जाता है। विशेष रूप से सोमवती अमावस्या, जो इस बार 30 दिसंबर 2024 को पड़ रही है।

केतु ग्रह की पूजा विधि

केतु को आध्यात्मिक विकास, मोक्ष और वैराग्य का कारक माना जाता है। केतु ग्रह व्यक्ति के पिछले जन्मों के कर्मों का फल देते हैं। यह व्यक्ति के जीवन में अचानक बदलाव ला सकता हैं, चाहे वह अच्छे हों या बुरे।

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