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आ जाओ अम्बे मैया (Aa Jao Ambe Maiya)

आ जाओ अम्बे मैया (Aa Jao Ambe Maiya)

आ जाओ अम्बे मैया,

मेरे मकान में,

तेरी छम छम पायल बाजे,

सारे जहान में,

आ जाओ अम्बे मईया ॥


तेरे पायल की छम छम से,

गणपति जी आ गए,

गणपति जी आ गए,

रिद्धि सिद्धि संग लेके,

रिद्धि सिद्धि संग लेके,

मेरे मकान में,

तेरी छम छम पायल बाजे,

सारे जहान में,

आ जाओ अम्बे मईया ॥


तेरे पायल की छम छम से,

कान्हा जी आ गए,

कान्हा जी आ गए,

राधा रुक्मणि संग लेके,

राधा रुक्मणि संग लेके,

मेरे मकान में,

तेरी छम छम पायल बाजे,

सारे जहान में,

आ जाओ अम्बे मईया ॥


तेरे पायल की छम छम से,

भोले जी आ गए,

शंकर जी आ गए,

मैया गौरा संग लेके,

माँ पारवती को लेके,

मेरे मकान में,

तेरी छम छम पायल बाजे,

सारे जहान में,

आ जाओ अम्बे मईया ॥


आ जाओ अम्बे मैया,

मेरे मकान में,

तेरी छम छम पायल बाजे,

सारे जहान में,

आ जाओ अम्बे मईया ॥

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अपरा एकादशी की तिथि 2025

सनातन धर्म में एकादशी तिथि को विशेष महत्व दिया जाता है। इसे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का दिन माना जाता है। हिंदू धर्म में हर एकादशी का व्रत अलग-अलग नाम और महत्व के साथ आता है, उनमें से एक अपरा एकादशी है।

अपरा एकादशी व्रत कथा

अपरा एकादशी का व्रत जेष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है, जो विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा का दिन होता है। एकादशी का दिन भगवान विष्णु के समर्पण और कृपा प्राप्त करने के सर्वोत्तम दिन के रूप में जाना जाता है।

अपरा एकादशी राशि परिवर्तन

इस साल अपरा एकादशी 23 मई 2025 को मनाई जाएगी। यह तिथि विशेष रूप से धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है। क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा होती है।

शिव योग में मनाया जाएगा शनि प्रदोष व्रत

प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। इस साल आने वाला ‘शनि प्रदोष व्रत’ शनिवार, 24 मई को मनाया जाएगा। यह विशेष रूप से शुभ माना जा रहा है, क्योंकि यह ‘शिव योग’ में पड़ रहा है।

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