नवीनतम लेख

रुक्मिणी का मंदिर, झांसी


image

दर्शन समय

N/A

यहां विराजती है कृष्ण-राधा संग रुक्मिणी, जानें वर्षों पुराने इस मंदिर का इतिहास 



भारत में कृष्ण के मंदिर हजारों की संख्या में स्थापित हैं, लेकिन क्या आपने कभी ऐसा मंदिर देखा है जहां श्री कृष्ण-राधा के साथ-साथ रुक्मिणी भी विराजमान हों? उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में स्थित मुरली मनोहर मंदिर में यह अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। 


इस मंदिर का इतिहास लगभग 250 साल पुराना है और यहां राधा-कृष्ण और रुक्मिणी की पूजा की जाती है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यह देश का पहला ऐसा मंदिर है जहां राधा-कृष्ण और रुक्मिणी साथ हैं। इस साल रूक्मिणी अष्टमी 22 दिसंबर को मनाई जा रही है। ऐसे में इस अवसर पर आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में, इसकी विशेषताओं के बारे में और साथ ही जानेंगे यहां तक कैसे पहुंच सकते हैं।



मंदिर का इतिहास 


  • उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में स्थित है और झांसी के बड़ा बाजार में मुरली मनोहर मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर को करीबन 250 साल पहले बनवाया गया था। मंदिर के अंदर श्री कृष्ण बीच में हैं, जबकि एक ओर राधा और दूसरी ओर रुक्मिणी जी स्थापित हैं। आइये इस मंदिर के इतिहास के बारे में जानते हैं। 
  • इतिहासकारों का मानना है कि इस मंदिर को रानी लक्ष्मीबाई की सास यानी झांसी के राजा रहे गंगाधर राव की मां सक्कू बाई ने 1780 में बनवाया था। 
  • ये मंदिर इस राजशाही परिवार की आस्था का मुख्य केंद्र था। 
  • मंदिर में राजा गंगाधर राव की मां सक्कू बाई पूजा करने आती थीं। 
  • 1842 में जब रानी लक्ष्मीबाई जब राजा गंगाधर राव की पत्नी बनी तो इसके बाद से वह भी इस मंदिर में पूजा करने आती थीं। 
  • इस मंदिर के साथ रानी लक्ष्मी बाई और उनका इतिहास मजबूती से जूड़ा है। 
  • स्थानीय लोग इस मंदिर को प्रेम की निशानी के तौर पर भी पूजते हैं।
  • मंदिर में राधा-कृष्ण के साथ-साथ रुक्मिणी जी को क्यों रखा गया है, इस बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं है।


मुरली मनोहर मंदिर का महत्व 


मुरली मनोहर मंदिर झांसी जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण, राधा और रुक्मिणी की मूर्तियां स्थापित हैं। यह मंदिर अपनी अनोखी वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर श्रद्धालु भगवान श्री कृष्ण, राधा और रुक्मिणी की पूजा-अर्चना करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मुरली मनोहर मंदिर झांसी जिले की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।



कैसे पहुंचे मंदिर तक


हवाई मार्ग से: झांसी से 103 किमी दूर ग्वालियर पास का हवाई अड्डा है। वहीं दिल्ली का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा झांसी से 321 किमी दूर है।


रेल मार्ग से: झांसी दिल्ली-चेन्नई मार्ग पर एक जरूरी रेलवे स्टेशन है। देश के अधिकतर प्रमुख शहर जैसे मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, आगरा, भोपाल, ग्वालियर आदि झांसी से रेल द्वारा कनेक्टेड हैं।


सड़क मार्ग से: झांसी देश के कई प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छे से कनेक्टेड है। आगरा, खजुराहो, दिल्ली, कानपुर, लखनऊ आदि जैसे शहरों तक झांसी से सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।


डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।