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प्राचीन हनुमान मंदिर, अलीगंज


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दर्शन समय

5:00 AM - 12:00 PM I 4:00 PM - 10:00 PM

अलीगंज के हनुमान मंदिर का त्रेता युग से है नाता, हिंदू-मुस्लिम दोनों की जुड़ी है आस्था


राजधानी लखनऊ के अलीगंज में स्थित पुराना हनुमान मंदिर काफी प्राचीन है। ये एक प्रतिष्ठित हिंदू मंदिर है जो भगवान हनुमान को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण सन् 1783 में किया गया था। यह मंदिर विग्रह स्वयंभू है यानि कि यहां साक्षात हनुमान जी विराजमान हैं। अलीगंज प्राचीन हनुमान मंदिर का इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है। इसके बारे में कहा जाता है कि प्रभु श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण जी जब सीता माता को वनवास छोड़ने जा रहे थे तो शाम हो जाने की वजह से उन्होंने यही विश्राम किया था। यही वजह है कि लखनऊ कभी लक्ष्मणपुर के नाम से जाना जाता था। अलीगंज हनुमान जी के इस मंदिर का विशेष महत्व और मान्यता हैं। बता दें कि यहां आने वाले श्रद्धालु सिर्फ लखनऊ से ही नहीं बल्कि दूर दूर से आते हैं। 



अवध के छठवें नवाब की मां ने कराया जीर्णोद्धार


दावा किया जाता है कि अलीगंज स्थित हनुमान मंदिर से हिन्दू और मुसलमान दोनों की आस्था जुड़ी हुई है। इस मंदिर की स्थापना को लेकर कई बातें कही जाती हैं। अवध का यह ऐसा धार्मिक त्योहार जिसमे हिंदू व मुस्लिम एक साथ शामिल होते हैं। बता दें कि 19वीं शताब्दी के आरम्भ में अवध के छठवें नवाब सआदत अली खान की मां और शुजाउद्दौला की बेगम और दिल्ली के मुगलिया खानदान की बेटी आलिया बेगम के द्वारा इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया था। लखनऊ एक ऐसा अनोखा शहर है, जहां कई मंदिर और इमामबाड़े की मिलीजुली हिन्दू-मुस्लिम सभ्यता के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। 



हनुमान मंदिर के लिए दान किए जाते हैं वस्त्र-आभूषण


यह मंदिर हनुमान जयंती, नवरात्रि और दिवाली सहित हिंदू त्योहारों और धार्मिक आयोजनों को मनाने में सक्रिय भूमिका निभाता है। इन अवसरों के दौरान, मंदिर परिसर को सजाया जाता है, और विशेष अनुष्ठान, भजन, और आरती किए जाते हैं। जहां कहीं भी हनुमान जी के किसी भी नये मंदिर की स्थापना होती है तो वहां की मूर्ति के लिये पोशाक, सिंदूर, लंगोटा, घण्टा और छत्र आदि अलीगंज के इसी हनुमान मंदिर से निशुल्क दिये जाते है। मंदिर बड़ी संख्या में भक्तों को आकर्षित करता है, खासकर मंगलवार और शनिवार को, जो भगवान हनुमान की पूजा के लिए खास दिन माने जाते हैं।


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