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आगरा-अलीगढ़ हाईवे के पास सासनी कस्बे से 3 किलोमीटर दूर स्थित यह मंदिर मां कंकाली के चमत्कारी दरबार के रूप में प्रसिद्ध है।
वृंदावन में स्थित यह अनोखा मंदिर ‘कांच का मंदिर’ के नाम से प्रसिद्ध है। इसका निर्माण वर्ष 1996 में किया गया था और यह कृष्ण प्रणामी संप्रदाय का प्रमुख मंदिर है।
आगरा के सिकंदरा उपनगर में माता काली का यह विशाल प्रांगण वाला मंदिर स्थित है। 200 साल से भी अधिक प्राचीन यह मंदिर ऐतिहासिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
1975 में कविनगर में बना गाजियाबाद का जैन मंदिर काफी मशहूर है। इस मंदिर की बनावट और नक्काशी बेहद आकर्षक है। मंदिर में जैन समाज के सभी 24 तीर्थंकर की प्रतिमा लगी है, जिनके नाम से अलग-अलग स्तंभ भी हैं।
मनुष्य जैसे-जैसे नई जगहों पर निवास करता है, वह अपने साथ अपनी आस्था और भगवान का आशीर्वाद भी चाहता है। इसी भावना को साकार करते हुए इस मंदिर की आधारशिला रखी गई थी।
महाभारत कालीन नगर हस्तिनापुर का कुरु वंश से संबंध होने के कारण इसका पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व है। इसके साथ ही ये स्थान जैन तीर्थ क्षेत्र के रूप मे पूरे विश्व में अपनी अमिट पहचान बना चुकी है।
उत्तर प्रदेश के विभिन्न कस्बों और शहर में कई मंदिर हैं, सबकी एक विशेष मान्यता है। ऐसा ही एक जैन मंदिर फिरोजाबाद में भी है।
वृंदावन में स्थित इस्कॉन मंदिर को श्री कृष्ण-बलराम मंदिर के रूप में जाना जाता है। उत्तर प्रदेश के वृंदावन में स्थित यह मंदिर विश्व भर में सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय वैष्णव मंदिरों में से एक माना जाता है।
जगन्नाथ पुरी से कोणार्क जाने वाले मार्ग में बाईं ओर रामचंडी हनुमान मंदिर स्थित है। मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि श्री हनुमान जी यहाँ माँ रामचंडी देवी के पास कुछ समय के लिए रुके थे।
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में भगवान हनुमान का एक अद्भुत मंदिर है। यह एक ऐसा हनुमान मंदिर है जो लोगों के लिये आस्था का केन्द्र बना हुआ है।
वाराणसी में श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर में हनुमान जी की दिव्य प्रतिमा है। ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी की यह मूर्ति गोस्वामी तुलसीदास जी के तप एवं पुण्य से प्रकट हुई थी। यह देश के ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है।
राजधानी लखनऊ के अलीगंज में स्थित पुराना हनुमान मंदिर काफी प्राचीन है। ये एक प्रतिष्ठित हिंदू मंदिर है जो भगवान हनुमान को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण सन् 1783 में किया गया था। यह मंदिर विग्रह स्वयंभू है यानि कि यहां साक्षात हनुमान जी विराजमान हैं।
उत्तर प्रदेश के सिरसागंज के पास खुशहाली गांव में हनुमान बरी के नाम से हनुमान जी का बहुत ही प्राचीन प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर की खासियत यह है कि यह मंदिर बरगद के पेड़ के नीचे स्थित है।
श्रम साधक संत रविदास की जन्मस्थली वाराणसी के सीर गोवर्धनपुर में संत रविदास मंदिर है। संत रविदास की श्रम साधना ऐसी फलीभूत हुई कि वह श्रद्धालुओं के लिए भगवान के रूप में पूजे जाने लगे।
प्राचीन सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी को अधोध्या का सबसे प्रसिद्ध हनुमान मंदिर माना जाता है। कहा जाता है कि ये वहीं जगह है जिसे भगवान राम ने लंका से लौटने के बाद अपने प्रिय भक्त हनुमान को रहने के लिए दिया था।
धर्म और आस्था की नगरी चित्रकूट का खास महत्व है। चित्रकूट के मंदिर देशभर में प्रसिद्ध हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान 11 साल चित्रकूट में बिताए थे।
ग्रेटर नोएडा काली मंदिर अभी निर्माणाधीन है। ग्रेटर नोएडा काली बाड़ी की परिकल्पना का प्रारूप सन् 2003 से ही ग्रेटर नोएडा शारदीय संस्कृति समिति द्वारा तैयार कर लिया गया था।
गोरखनाथ मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्थित एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। भारत में बहुत कम मंदिर गोरखनाथ मंदिर जैसी शांति और सुकून का अनुभव कराते है।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक ऐसा प्रसिद्ध मंदिर है जहां संकट मोचन भगवान हनुमान जी की गिलहरी के रूप में पूजा-अर्चना की जाती है। यह मंदिर अलीगढ़ बस स्टैंड से एक किलोमीटर दूर अचल ताल में स्थित है।
नोएडा एक्सटेंशन जिसे ग्रेटर नोएडा पश्चिम के नाम से भी जाना जाता है। गौर सिटी स्टेडियम के पास श्री राधा कृष्ण मंदिर है। इस मंदिर की स्थापना 13 मार्च 2016 में हुई थी।
भारत में कृष्ण के मंदिर हजारों की संख्या में स्थापित हैं, लेकिन क्या आपने कभी ऐसा मंदिर देखा है जहां श्री कृष्ण-राधा के साथ-साथ रुक्मिणी भी विराजमान हों? उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में स्थित मुरली मनोहर मंदिर में यह अद्भुत नजारा देखने को मिलता है।
बाबा दूधाधारी मंदिर में सिद्ध बाबा दूधाधारी ने यहीं रहकर शिवलिंग की स्थापना की थी। यहां पर उन्होंने अनेक सिद्धियां प्राप्त कीं। सिद्धि प्राप्ति के दौरान यहाँ बाबा दूधाधारी मंदिर और उससे जुड़ा आश्रम बनाया गया।
पश्चिम उत्तर प्रदेश मेरठ जिले के हस्तिनापुर में बना द्रौपदी मंदिर आज भी चीरहरण की दास्तान को जीवित करते हुए दिखाई देता है। द्वापर युग में जब द्रोपदी के चीर हरण किया जा रहा था। तब द्रौपदी द्वारा जब श्री कृष्ण भगवान से मदद की गुहार लगाई गई।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के शिव शक्ति धाम मंदिर के दर्शन करना आसान नहीं है। क्योंकि, यहां अंदर आने के लिए सुरक्षा की तीन लेयर को पार करना पड़ता है। इसके बाद ही मंदिर में प्रवेश मिलता है।
श्री बालाजी धाम मंदिर इंदिरापुरम का सबसे प्रसिद्ध श्री हनुमान बालाजी महाराज को समर्पित है। श्री बालाजी मंदिर की स्थापना सन् 2013 में हनुमान जयंती के दिन हुई थी। मंदिर के अंदर की सजावट एवं कलाकृतियां सुंदर,आकर्षक एवं मन को मोहने वाले हैं।
वैशाली काली मंदिर, वैशाली कल्चरल एसोसिएशन द्वारा किए गये दिव्य प्रयासों का परिणाम है। वैशाली सांस्कृतिक एसोसिएशन ने सन् 1994 में वैशाली सेक्टर-5 में दुर्गा पूजा की शुरुआत और आयोजन किया, बाद में इसे वैशाली कालीबाड़ी मंदिर सोसायटी एसोसिएशन के रूप में स्थापित किया गया।
महादेव और माँ आदिशक्ति को समर्पित वैशाली का सबसे पुराना गौरी-शंकर मंदिर जो प्राचीन श्री शिव शक्ति मंदिर के नाम से जाना जाता है। वहां के स्थानीय लोग साधारण बोलचाल की भाषा में इसे सेक्टर-2 शिव मंदिर के नाम से संबोधित करते हैं।
गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश, वैशाली मेट्रो स्टेशन के निकट श्री राधा कृष्ण मंदिर स्थित है। इस मंदिर का लोकार्पण सन् 2004 की जन्माष्टमी को किया गया था। राधा-कृष्ण के प्रेम के बारे में कौन नहीं जानता है, इनका जिक्र धार्मिक पुस्तकों और पुराणों में भी किया गया है।
गाज़ियाबाद के प्राचीन शिव मंदिर श्री दुधेश्वरनाथ का संबंध रावण काल से माना जाता है। यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है। देशभर में भगवान शिव के सैकड़ों मंदिर स्थापित हैं।
जेएसएस एकेडमी ऑफ टेक्निकल एजुकेशन परिसर नोएडा के हरे-भरे वातावरण में एक सुंदर सा देवालय है श्री विनायक मंदिर नोएडा। इसे दिल्ली और एनसीआर के सबसे स्वच्छ मंदिरों में से एक कहना ग़लत नहीं होगा। यह मंदिर नोएडा सेक्टर-62 के औद्योगिक क्षेत्र के मुख्य डी-सर्किल पर स्थित है। नोएडा के सेक्टर-62 में का यह गणेश मंदिर भगवान गणेश और उनके भाई कार्तिकेय को समर्पित है।
दिल्ली- NCR के आस-पास मंदिरों में गाजियाबाद के इंदिरापुरम में स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर का अपना एक विशेष स्थान है। अपने अद्वितीय धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण यह मंदिर दिल्ली और आस-पास के श्रद्धालुओं ही नहीं देश दुनिया के हनुमान भक्तों के बीच प्रसिद्ध है।
गाजियाबाद के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में शामिल श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। मप्र की महाकाल नगरी उज्जैन के सिद्धेश्वर महादेव से प्रेरित यह मंदिर कवि नगर गाजियाबाद में स्थित है।
गाजियाबाद का मनन धाम जो शंख वाले मंदिर के नाम से भी विख्यात है। यहां का मुख्य आकर्षण और वास्तुकला का अद्भुत नमूना मंदिर के शीर्ष पर मौजूद 31 फुट ऊंचा शंख है जो बड़े-बडे़ वास्तुकारों और इंजीनियरों के लिए हैरत का विषय है।
दिल्ली और एनसीआर के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों का जिक्र करते ही गाजियाबाद के सबसे प्राचीन, प्रसिद्ध और ऐतिहासिक श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर का नाम अवश्य लिया जाता है।
भगवान श्री कृष्ण जी की आराधना और भक्ति के साथ श्रीमद्भगवद्गीता के प्रचार-प्रसार में इस्कॉन को सबसे अग्रणी संस्था में गिना जाता है।
ग्रेटर नोएडा स्थित हनुमंत धाम प्राचीन मंदिर सालों से लोगों की श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। कहते हैं यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती हैं।
गाजियाबाद के राजनगर में स्थित इस्कॉन मंदिर दिल्ली एनसीआर सहित देशभर के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यह इस्कॉन संस्था द्वारा दिल्ली और उसके आसपास संचालित सातवां मंदिर है।
इटावा, फिरोजाबाद, आगरा, भिंड, ग्वालियर, औरैया जनपद एवं अन्य आस-पास के क्षेत्र की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है मां ब्रह्माणी देवी मंदिर।
बरेली में जहां चारों ओर भगवान शिव के मंदिर बने हुए हैं। वहीं हम आपको बरेली में हनुमान जी के चमत्कारिक मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं।
बाबाजी के भक्तों के आर्थिक सशक्तिकरण द्वारा आध्यात्मिक उत्थान और आत्म विश्वास के साथ-साथ अन्य जरुरतमंद लोगों ने डी-पार्क सेक्टर 62 नोएडा के पास बाबा बालक नाथ सिद्ध पीठ की स्थापना की है।
चंडी मंदिर हापुड़, भारत के उत्तर प्रदेश में स्थित है। यह मंदिर पूरे जिले के भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है। मान्यता है कि यहां पर श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
नोएडा के सेक्टर 22 के बालक नाथ मंदिर की सन् 1989 के सफल उद्घाटन के बाद, श्री शिव शक्ति सिद्ध श्री बाबा बालक नाथ वेलफेयर सोसायटी ने नोएडा के दूसरे बालक नाथ जी मंदिर की स्थापना वर्ष 2009 में की। सेक्टर 71 के इस मंदिर को सिद्ध श्री बाबा बालक नाथ जी के नाम से भी जाना जाता है।
जादू द्वारा से सिरसागंज शहर की ओर जाते हुए महादेव के महाकालेश्वर मंदिर के अत्यंत निकट रुद्र के अवतार श्री हनुमंत लाल के बाल स्वरूप को समर्पित श्री बालाजी सिरसागंज के नाम से प्रसिद्ध है।
इंदिरापुरम का सबसे प्रसिद्ध बालाजी धाम मंदिर हनुमान जी को समर्पित है। वैसे तो इस मंदिर का नाम श्री सिद्ध मनोकामना हनुमान मंदिर है, लेकिन स्थानीय निवासी इस मंदिर को इंदिरापुरम वाले हनुमान जी के नाम से पहचानते है।
प्रयागराज में हनुमान जी का एक ऐसा मंदिर, जिसकी मान्यता पूरे देश में है। देश के पांच प्रमुख हनुमान मंदिरों में से एक है संगम किनारे बड़े हनुमान का मंदिर।
यमुना किनारे बसा भोले बाबा का ये मंदिर, लंबे समय तक बना रहा डाकुओं का अड्डा
मेरठ के कैंट क्षेत्र में स्थित बाबा औघड़नाथ मंदिर उत्तर भारत का प्रसिद्ध मंदिर है। देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का आगाज भी यहीं से हुआ था।
स्वास्थ्य, भोजन और मानव सेवा के लिए प्रसिद्ध है मेरठ का ये अन्नपूर्णा मंदिर
इस धारा का जल हनुमानजी को स्पर्श करता हुआ बहता है। इसीलिए इसे हनुमान धारा कहते हैं। इस के दर्शन से हर एक व्यक्ति का तनाव से मुक्त हो जाता है तथा मनोकामना भी पूर्ण हो जाती है।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा, हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है। यहाँ पर हिंदू समुदाय के लोग भगवान कृष्ण के जन्म के स्थल को पूजते हैं, जो हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं।
काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी, हिंदू धर्म में एक प्रमुख स्थल है जिसका महत्व अत्यधिक है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और हिंदू धर्म के अनेक प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है।