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श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर दिल्ली का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो प्रणामी संप्रदाय के अनुयायियों के लिए एक विशेष स्थान रखता है। यह संप्रदाय भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में विश्वास करता है और लोगों को जीवन में शांति और संतुलन प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।
दक्षिणी भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित कोठंडारामस्वामी मंदिर एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है जो रामायण काल से जुड़ा हुआ है। यह मंदिर धनुषकोडी में स्थित है जो समुद्र के किनारे बसा हुआ है।
उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में कोसीकलां कस्बे के पास स्थित कोकिलावन धाम न सिर्फ भारत के प्राचीनतम शनिधामों में से एक है, बल्कि यह भक्ति, तप और आस्था का अद्भुत संगम भी है।
पंजाब के रूपनगर जिले में स्थित कीरतपुर साहिब न सिर्फ सिख समुदाय के लिए पवित्र तीर्थ स्थल है बल्कि इतिहास में भी इसका विशेष महत्व है।
दिल्ली स्थित किलकारी भैरव मंदिर को लेकर मान्यता है कि इसकी स्थापना पांडवों ने की थी। कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण के सुझाव पर पांडवों ने अपने किले की रक्षा के लिए इस मंदिर की नींव रखी थी।
जयपुर शहर की पूर्वी पहाड़ियों की गोद में बसे 'खोले के हनुमानजी मंदिर' की महत्ता सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि भावनात्मक भी है। अरावली की मनोरम वादियों में स्थित यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है।
उड़ीसा के बालासोर जिले के रेमुना में स्थित खीरचोर गोपीनाथ मंदिर सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि भक्ति और भगवान के बीच आत्मीय रिश्ते की मिसाल है। यहां बाल स्वरूप श्रीकृष्ण को रोज दूध से बनी खीर का भोग लगता है।
भुवनेश्वर के प्रसिद्ध मुक्तेश्वर मंदिर के पास स्थित केदारगौरी मंदिर ओडिशा के प्राचीन और पूजनीय मंदिरों में से एक है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि इससे जुड़ी लोककथाएं भी इसे खास बनाती हैं।