नवीनतम लेख

श्री सङ्कटनाशन गणेश स्तोत्रम्

 ॥ श्री सङ्कटनाशन गणेश स्तोत्रम् ॥


नारद उवाच

प्रणम्य शिरसा देवंगौरीपुत्रं विनायकम्।


भक्तावासं स्मेरनित्यमाय्ःकामार्थसिद्धये॥1॥

प्रथमं वक्रतुण्डं चएकदन्तं द्वितीयकम्।


तृतीयं कृष्णपिङ्गाक्षंगजवक्त्रं चतुर्थकम्॥2॥

लम्बोदरं पञ्चमं चषष्ठं विकटमेव च।


सप्तमं विघ्नराजं चधूम्रवर्णं तथाष्टकम्॥3॥

नवमं भालचन्द्रं चदशमं तु विनायकम।


एकादशं गणपतिंद्वादशं तु गजाननम॥4॥

द्वादशैतानि नामानित्रिसन्ध्यं य: पठेन्नर:।


न च विघ्नभयं तस्यसर्वासिद्धिकरं प्रभो॥5॥

विद्यार्थी लभते विद्यांधनार्थी लभते धनम्।


पुत्रार्थी लभतेपुत्रान्मोक्षार्थी लभते गतिम्॥6॥

जपेद्गणपतिस्तोत्रंषड्भिर्मासै: फलं लभेत्।


संवत्सरेण सिद्धिं चलभते नात्र संशय:॥7॥

अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्चलिखित्वां य: समर्पयेत्।


तस्य विद्या भवेत्सर्वागणेशस्य प्रसादत:॥8॥


॥ इति श्रीनारदपुराणे सङ्कटनाशनगणेशस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

होलाष्टक 2025 पर करें ये उपाय

होलाष्टक फागुन मास के शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि से लेकर पूर्णिमा तक मनाया जाता है। पुराणिक कथाओं के अनुसार ये 8 दिन किसी शुभ कार्य के लिए उचित नहीं माने जाते I

काले काले बदरा, घिर घिर आ रहे है (Kaale Kaale Badra Ghir Ghir Aa Rahe Hai)

काले काले बदरा,
घिर घिर आ रहे है,

इस व्रत से बढ़ता है पति-पत्नी का प्रेम

अनंग त्रयोदशी व्रत में भगवान शिव-पार्वती तथा कामदेव और रति का पूजन किया जाता है। यह दिन प्रेमी जोड़ों के लिए बहुत खास माना गया है। क्योंकि, इस दिन व्रत रखने से जीवन में प्रेम की प्रगाढ़ता बढ़ती है।

मासिक शिवरात्रि व्रत कथा

हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र पर्व है। इस दिन भक्तगण शिवलिंग की पूजा और व्रत करते हैं।

यह भी जाने