नवीनतम लेख

धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotram)

ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः।

सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम॥


कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम।

वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम॥


ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:

अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय

त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप

श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥


इति श्रीधन्वन्तरिस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।


आई होली सावरिया: भजन (Aae Holi Sawariya)

धूम मचाने आ जइयो आई होली सावरिया,
होली सावरिया आई होली सावरिया,

गणपति पधारो ताता थैया करते (Ganpati Padharo Ta Ta Thaiya Karte)

गणपति पधारो ताता थैया करते,
ताता थैया करते,

महाकाल नाम जपिये, झूठा झमेला (Mahakal Naam Japiye Jutha Jhamela)

महाकाल नाम जपिये,
झूठा झमेला झूठा झमेला,

इतना तो करना स्वामी, जब प्राण तन से निकले( Itna to Karna Swami Jab Pran Tan Se Nikle)

इतना तो करना स्वामी,
जब प्राण तन से निकले

यह भी जाने