अरावली पर्वत की पहाड़ियों पर स्थित है गलताजी धाम मंदिर, मंदिर के कुंड में स्नान की विशेष मान्यता
भारत का राजस्थान राज्य भी अपने कई धार्मिक जगहों के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर परिसर मूल रूप से कई मंदिरों का समूह है, जिसमें गलता जी मुख्य मंदिर है। यहां एक ‘गलताजी मंदिर’ जो अपनी कई मान्यताओं के लिए जाना जाता है। गलताजी मंदिर दुनिया भर के पर्यटकों में बहुत प्रसिद्ध है। मंदिर परिसर शहर के शोर शराबे से दूर अरावली पहाड़ियों में स्थित है और घने पेड़ों और झाड़ियों से घिरा है। यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु मंदिरों में अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं। मंदिर परिसर का निर्माण 18वीं शताब्दी में हुआ था।
गलता जी मंदिर का निर्माण दीवान राव कृपाराम ने करवाया था, जो महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय के दरबार में सेवादार थे। इस मंदिर में विदेश से भी भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। यह भक्त मंदिर समिति द्वारा आयोजित भक्ति कार्यक्रम, भक्ति संगीत, लाइव प्रदर्शन और कई अन्य पवित्र कार्यक्रमों का आनंद लेने के लिए आते रहते हैं।
मंदिर की विशेषता
मंदिर परिसर में कई पवित्र तालाब हैं जिन्हें स्थानीय रूप से कुंड कहा जाता है और तीर्थयात्री स्नान करने के लिए इनका उपयोग करते हैं और इस तरह अपने पापों को धोते हैं। खूबसूरती से बनाए गए इस मंदिर को हिंदू देवताओं, विवाह, और पौराणिक कथाओं के भित्तिचित्रों से सजाया गया है। इस पवित्र स्थल पर आपको हजारों में बंदरों की संख्या देखने को मिल जाएगी। हालांकि, ये है कि ये बंदर यहां आने वाले भक्तों को किसी भी तरह का नुकसान भी नहीं पहुंचाते।
इस मंदिर के दर्शन करने का सबसे अच्छा महीना जनवरी, फरवरी, अक्टूबर और दिसंबर बताता गया है। बता दें कि हर साल जनवरी में यानी 'मकर संक्रांति' के आसपास लोग यहां के पवित्र कुंड में डुबकी लगाने के लिए आते हैं। गलता कुंड को यहां के सभी कुंडों में सबसे पवित्र माना जाता है, और इसका बहुत महत्व भी है क्योंकि माना जाता है कि यह आज तक कभी सूखा नहीं है।
कैसे पहुंचें
गलताजी मंदिर से सांगानेर हवाई अड्डा नजदीक है। आप यहां से मंदिर के लिए कैब ले सकते हैं। इसके अलावा बैस गोडम रेलवे स्टेशन मंदिर से सिर्फ 1 किमी की दूरी पर है। वहीं अगर आप दिल्ली के आसपास रहते हैं, तो दिल्ली-जयपुर हाइवे पकड़कर मंदिर तक के लिए टैक्सी ले सकते हैं।
समय : सुबह 5:00 बजे से रात 9:00 बजे तक