नवीनतम लेख

यशोदा जयंती पूजा विधि

Yashoda Jayanti Puja Vidhi: यशोदा जयंती के दिन इस विधि से करें पूजा, लंबी होगी संतान की उम्र



सनातन हिंदू धर्म में, यशोदा जयंती, माता यशोदा के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। माता यशोदा को भगवान श्रीकृष्ण की माता के रूप में माना जाता है। वे मातृत्व का प्रतीक हैं और उनकी पूजा करने से संतान को लंबी उम्र और सुखी जीवन का वरदान प्राप्त होता है। माता यशोदा की पूजा करने से महिलाओं को मातृत्व का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। इस दिन माता यशोदा की पूजा करने से संतान की आयु लंबी होती है। तो आइए, इस आर्टिकल में यशोदा जयंती के दिन  की जाने वाली पूजा की विधि को विस्तार से जानते हैं। 


कब मनाई जाएगी यशोदा जयंती? 



पंचांग के अनुसार, यशोदा जयंती फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। इस साल फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि की शुरुआत 18 फरवरी को तड़के सुबह 4 बजकर 53 मिनट पर होगी और 19 फरवरी को सुबह 7 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए, इस साल यानी 2025 में यशोदा जयंती 18 फरवरी को ही मनाई जाएगी। इसी दिन उसका व्रत भी रखा जाएगा। 

पूजा सामग्री की लिस्ट 


माता यशोदा और बाल गोपाल की प्रतिमा या चित्र, लाल कपड़ा, कलश, रोली, चंदन, अक्षत, फूल (पीले रंग के फूल शुभ माने जाते हैं), धूप, दीप, नैवेद्य (माखन, मिश्री, फल), तुलसी का पत्ता, गंगाजल इत्यादि। 

यशोदा जयंती की पूजा विधि


  • यशोदा जयंती पर सुबह उठें और स्नान ध्यान कर व्रत का संकल्प लें। 
  • इसके बाद सबसे पहले एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा दें। इस पर माता यशोदा और बाल गोपाल को स्थापित करें।
  • कलश में गंगाजल लें, जल अर्पित करें, रोली अर्पित करें, चंदन अर्पित करें और फूल अर्पित करें।
  • घी का दीपक माता यशोदा और भगवान के सामने जलाएं। 
  • माता यशोदा और बाल गोपाल को रोली, चंदन समेत सभी सामग्री को अर्पित करें।
  • माता यशोदा और बाल गोपाल को भोग के रूप में माखन, मिश्री व फल अर्पित करें।
  • अंत में माता यशोदा और बाल गोपाल की आरती उतारें और संतान की लंबी आयु व अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद भगवान से मांगे। 

यशोदा जयंती में जरूर करें इन मंत्रों का जाप  


यशोदा मंत्र का जाप करें:- “ॐ यशोदे नमः
श्रीकृष्ण जी के इस मंत्र का जाप करें:- “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

जानिए यशोदा जयंती व्रत के लाभ 


यशोदा जयंती के दिन व्रत रखने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।  यह पर्व धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण होता है। बता दें कि, महिलाओं के लिए यशोदा जयंती का दिन और इसका का व्रत बहुत ही विशेष होता है। यशोदा जयंती का व्रत मां का संतान के प्रति प्यार का प्रतीक है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र और सुखी जीवन के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन व्रत के साथ-साथ मां यशोदा की गोद में बैठे हुए बाल रूप भगवान कृष्ण का पूजन की जाती है।

मेरी आस तू है माँ, विश्वास तू है माँ(Meri Aas Tu Hai Maa Vishwas Tu Hai Maa)

मेरी आस तू है माँ,
विश्वास तू है माँ,

जय भोले शंकर जय गंगाधारी (Jai Bhole Shankar Jai Gangadhari)

जय भोले शंकर जय गंगाधारी,
देवो के देवा हे महादेवा,

भोलेनाथ की दीवानी, गौरा रानी लागे (Bholenath Ki Deewani Gora Rani Lage)

भोलेनाथ की दीवानी,
गौरा रानी लागे,

मैं तो अपने श्याम की दीवानी बन जाउंगी - भजन (Main To Apne Shyam Ki Diwani Ban Jaungi)

मैं तो अपने श्याम की,
दीवानी बन जाउंगी,