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हिंदू धर्म में शुक्र देवता को भौतिक सुख-सुविधाओं का देवता कहा जाता है। इतना ही नहीं, शुक्रदेव को सौंदर्य और आकर्षण का देवता भी माना जाता है। लोग उनकी कृपा पाने के लिए पूजा करते हैं ताकि वे सुंदर और आकर्षक बन सकें। शुक्रदेव को सुख और वैभव का देवता भी माना जाता है। इनकी पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को धन वृद्धि के साथ-साथ ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
शुक्रदेव असुरों के गुरु थे और उन्हें मृतसंजीवनी मंत्र का ज्ञाता माना जाता है। आपको बता दें, शुक्र ग्रह को भी शुक्रदेव से जोड़ा जाता है। ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को प्रेम, रोमांस और सौंदर्य का कारक माना जाता है। अब ऐसे में शुक्र देवता की पूजा किस विधि से करने से लाभ हो सकता है। इसके बारे में विस्तार से इस लेख में जानते हैं।
शुक्र देवता की पूजा किस विधि से करें?
शुक्र देवता की कृपा से व्यक्ति को धन, वैभव और समृद्धि प्राप्त होती है। व्यापार और व्यवसाय में सफलता मिलती है। शुक्र देवता सौंदर्य के देवता भी माने जाते हैं। इनकी पूजा करने से व्यक्ति का व्यक्तित्व आकर्षक होता है। शुक्र देवता प्रेम के देवता भी हैं। इनकी पूजा करने से प्रेम जीवन में मधुरता आती है और वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। कुंवारे लोगों को मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। शुक्र देवता कला और रचनात्मकता के देवता भी हैं। इनकी पूजा करने से व्यक्ति में कलात्मक प्रतिभा का विकास होता है। शुक्र देवता भौतिक सुखों के देवता भी हैं। इनकी पूजा करने से व्यक्ति को जीवन में सुख और आराम मिलता है।
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र दोष है तो शुक्र देवता की पूजा करने से उस दोष का निवारण होता है।