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हिंदू धर्म में प्रत्येक माह की अष्टमी को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व पूरे विश्व में कृष्ण भक्तों के द्वारा खूब हर्षोल्लास से मनाया जाता है। यह पर्व हर माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आता है। जिसे मासिक कृष्ण जन्माष्टमी कहा जाता है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और इसके साथ ही कृष्ण भगवान की पूजा-अर्चना भी करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन विधि-विधान से भगवान वासुदेव कृष्ण की पूजा करने से भक्तों के सारे रोग, शोक और दुख सब दूर हो जाते हैं। तो आइए जानते हैं इस माह मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर कैसे भगवान श्री कृष्ण को आप भी प्रसन्न कर सकते हैं।
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का व्रत रखने से यश, कीर्ति, पराक्रम, ऐश्वर्य, सौभाग्य, वैभव, संतान प्राप्ति, धन, संपन्नता, आरोग्य, आयु तथा सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही व्यक्ति की हर इच्छाएं भी पूरी होती है। ऐसा भी कहा जाता है कि इस व्रत को करने से 5 आशीर्वाद निश्चित रूप से मिलते हैं।
कृं कृष्णाय नमःॐ देव्किनन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण: प्रचोदयातओम क्लीम कृष्णाय नमःगोकुल नाथाय नमः
पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 26 अगस्त को देर रात 03 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 27 अगस्त को देर रात 02 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी। मान्यता के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी पर मध्य रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण हुआ था । ऐसे में जन्माष्टमी का पर्व बेहद उत्साह के साथ 26 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त 27 अगस्त को देर रात 12 बजकर 01 मिनट से लेकर 12 बजकर 45 मिनट तक है।
जो शंख में जल लेकर 'ॐ नमो नारायणाय' का उच्चारण करते हुए श्रीकृष्ण का अभिषेक करता है। वह सम्पूर्ण पापों से मुक्त हो जाता है। मान्यता है कि चरणोदक को शंख में रखकर जो अपने मस्तक पर धारण करता है वह सभी कष्टों से मुक्त हो जाता है और जो भक्त भगवान के मस्तक के ऊपर से शंख को घुमा कर उससे अपने घर को सींचता है, उसके घर में कभी अशुभ नहीं होता है।